दिल की बातें

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amitabh priydarshi
दिल की बातें पढ़ लेता हूं,
 सुंदर मूरत गढ़ लेता हूं
 तुम भी मुझसे मिल कर देखो,
बिन पंखों मैं उड़ लेता हूं।
बात दुखों की मत कुछ करना,
दिल की आहें दिल में भरना
कौन सुनेगा इस जंगल में,
मेरा रोना,तेरा हंसना ?
कोई नहीं है,मेरा-तेरा,
सब है एक फरेब का घेरा
फिर भी ऐसा कुछ कर लेता हूं,
मैं दिल की बातें पढ़ लेता हूं।
मैं बढ़ता हूं एक कदम और,
एक कदम बस तुम भी बढ़ लो
मेरी तरह गर गम को पी लो,
तो बिन पंखों के तुम भी उड़ लो।
सच कहता हूं,तुम्हें बताऊं,
खूब मजा है इस जीने में
चेहरे पर हो हंसी एक,
पर,चुपके-चुपके गम पीने में।
दिल की बातें….॥

#अमिताभ प्रियदर्शी 

परिचय:अमिताभ प्रियदर्शी की जन्मतिथि-५ दिसम्बर १९६९ तथा जन्म स्थान-खलारी(रांची) है। वर्तमान में आपका निवास रांची (झारखंड) में कांके रोड पर है। शिक्षा-एमए (भूगोल) और पत्रकारिता में स्नातक है, जबकि कार्यक्षेत्र-पत्रकारिता है। आपने कई राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक अखबारों में कार्य किया है। दो अखबार में सम्पादक भी रहे हैं। एक मासिक पत्रिका के प्रकाशन से जुड़े हुए हैं,तो 
आकाशवाणी रांची से समाचार वाचन एवं उद्घोषक के रुप में भी जुड़ाव है। लेखन में आपकी विधा कविता ही है। 
सम्मान के रुप में गंगाप्रसाद कौशल पुरस्कार और कादमबिनी क्लब से पुरस्कृत हैं। ब्लाॅग पर लिखते हैं तो,विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं तथा रेडियो से भी रचनाएं प्रकाशित हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज को कुछ देना है

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