मैं धरती का दीप बनूंगा, दूर करूँगा अँधियारा। साक्षरता रूपी लहर चलाकर, शिक्षित करूँगा जग सारा। मैं धरती का पुष्प बनूंगा, पावन सुगंध फैलाऊगा। काँटे सारे स्वयं लेकर मैं, कोमल छाँव बिछाऊँगा। मैं धरती का खग बनूँगा, सदभावना फैलाऊँगा। समृद्धि गरिमा प्रतीक बनकर, झंडा ऊँचा उठाऊँगा। मैं धरती का कृषक […]

बचपन है, जीवन के वे अनमोल क्षण, जो रहस्यमयी अनुभवों को छोड़ गये। अनुभव के लिए, आंख- मिचौली के लिए, हर आशंका से मुक्त, स्वछन्द, निर्भीक जीवन के पल, स्वप्नों से समावेशित, क्षणिक, रहस्यमयी जीवन के अंश, जो अमिट, अचिरायु मात्र हैं। #नाम-प्रीति गौड़ पता- जयपुर(राजस्थान) शिक्षा- एम टेक ( […]

आज माँ के साथ  दीवाली की  सफाई मे  मैं हाथ बंटा रही थी | यकायक सफाई करते-करते एक छोटा बक्सा हाथ लगा। “माँ से पुछा,तो माँ हल्का मुस्कुरा कर बोली”,  ये…..ये मेरी और तेरे पापा की वो यादें हैं, जिन्हें देख हमारे लबो पे मुस्कुराहट आ जाती है। मैंने झट […]

भविष्य निखारता, ज्ञान है बाटता। इंसानियत का पाठ पढ़ाता, अंधेरा हटा उजाला लाता। सपनों को पूर्ण करने मे ,हमे सही राह दिखाता। जीवनपथ पर डटते हुए है, चलना सिखलाता। बच्चों का पढ़ने मे कैसे है ध्यान लगवाना,कला यह बखूबी जानता। ज्ञान का इसमें भंडार भरा है,यही गुरु,यही ब्रह्मा है। धैर्य […]

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तिमिर हुआ रुखसत रात का स्वर्णिम भोर स्याह को हर ले ऊषा झांक रही झुरमुट से आ उसको बाहों में भर ले.. बीती जो बातें कल की थीं आज को अपने उज्जवल करके.. ऊषा झांक रही… स्वपन चुनौती गया है देकर सच करने का साहस कर ले ऊषा झांक रही.. […]

दिल के दो टुकड़े होते ही नहीं फूटने लगती शब्दों की अविरल धारा और न ही प्रेम के दो छंद लिखते ही बन सका कवि कोई जियो एक कायरों-सी ज़िन्दगी चुपचाप मत करो प्रतिशोध किसी बात का घुटते रहो भीतर तक समेटो अंतर्मन में हर पीड़ा। जीवन के सुन्दर स्वप्न […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।