गुरु

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bharti vikas preeti

भविष्य निखारता, ज्ञान है बाटता।
इंसानियत का पाठ पढ़ाता, अंधेरा हटा उजाला लाता।

सपनों को पूर्ण करने मे ,हमे सही राह दिखाता।
जीवनपथ पर डटते हुए है, चलना सिखलाता।

बच्चों का पढ़ने मे कैसे है ध्यान लगवाना,कला यह बखूबी जानता।
ज्ञान का इसमें भंडार भरा है,यही गुरु,यही ब्रह्मा है।

धैर्य और विश्वास से परिपूर्ण,विद्यर्थियों का पथ दर्शक।
कमियों को है दूर भगाते,उन्नति को प्रोतसाहित है करते।

जीवन का अमूल्य उपहार है शिक्षक।
सही-गलत का भेद है शिक्षक।

क्षमा इन्ही ने है करना सिखाया
नियमों के पथ पर चलना इन्ही से है आया।
अक्षरों का ज्ञान सिखलाया।
संघर्षो पर अड़े है रहना बतलाया।
माँ सरस्वती के आशीर्वाद का हकदार बनाया।
ज़िन्दगी की हक्कीकत को समझाया।

#प्रीती मोहनानी
साहित्यिक उपनाम -भारती विकास
स्थान-जमशेदपुर,झारखंड
शैक्षणिक योग्यता- एम. कॉम,एम. ए(हिंदी),बी.एड
प्रकाशन- साहित्यिक पीडिया मे प्रेक्षित

matruadmin

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।