बचपन है,
जीवन के वे अनमोल क्षण,
जो रहस्यमयी अनुभवों को छोड़ गये।
अनुभव के लिए,
आंख- मिचौली के लिए,
हर आशंका से मुक्त,
स्वछन्द, निर्भीक जीवन के पल,
स्वप्नों से समावेशित,
क्षणिक, रहस्यमयी
जीवन के अंश,
जो अमिट, अचिरायु मात्र हैं।
#नाम-प्रीति गौड़
पता- जयपुर(राजस्थान)
शिक्षा- एम टेक ( कंप्यूटर साइंस)
ए ऍम आई ई टी ई- ( टेलिकॉम्युनिकेशन इंजीनियरिंग)
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा- (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन)
डीसीए, डोएक ऐ लेवल कोर्स
रूचि- कविताएं लिखना, पुस्तकें पढ़ना
उपलब्धता-कविता वाचन में द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार
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Fri Mar 29 , 2019
. …… जल ने आबाद किया,सुने है कहानी। जीवन विधाता बंधु , रीत रहा पानी। पानी बर्बाद किया, भावि नहीं देखे। पीढ़ी आज कह रही, कौन देय लेखे। खोज रहा नीर धीर, मान मानवो में। खो गया है जो आज,राम दानवों में। सूख रहे झील ताल ,नदी बाव सारे। युद्ध […]