नहीं चाहिए उपहार बस एक दिन का नहीं चाहिए मान बस एक दिवस नहीं चाहिए शुभकामना बस एक दिवस देना है तो दो हमें मान सम्मान समझ ईश्वर् की सृष्टि हर दिवस ।। मत रौँधो समझ धूल पैरों तले अपने मत करो प्रताड़ित दे पीड़ा चाहे हो मानसिक या शारीरिक […]

माफ़ करना जी !! मौसम है प्यार का और हमें प्यार करने की फुरसत  नही !! फागुनी दिन प्यार के इकरार के ,,, और महुआ की बसंती मस्तियाँ अभी तो गा रहे ‘बसंत राग’ और कुछ सुनाने की फ़ुरसत नही !! जीवन के अंकुरों से भर गयी हैं डालियाँ क्यारी-क्यारी […]

आज आईना देखा तो अतीत की झालर लहरा उठी मन के हर कोने से कितना बदल गयी थी मैं तय करते सफर ज़िन्दगी का ये आँखों के नीचे काले घेरे ये चेहरे पर खिंची झुर्रियों की लकीरें ये बालों में सफेदी ये थुलथुला भरा भरा सा बदन ऐसी तो नहीं […]

कभी हर लें पीर कभी देते हैं पीर कभी घोल दें मिठास कभी घोल दें कड़वाहट कभी सुकून से देते कभी बेचैन से करते कभी खामोश कभी बुलंद कभी बेबाक कभी सहमे कभी होठों पे खिलाते हँसी कभी आँखों में भरते नमी कभी कह दें हाल सब कभी छुपा दे […]

“मैं सोचती हूं,, सो गये हैं भाव सारे और जिम्मेदारियाँ भी सो गया परिवार।। घुप्प सन्नाटे भरे इस मौन में,, कुछ पल जरा सो लूं, कुछ स्वप्न मैं बुन लूं, हाँ मगर था जग रहा कुछ अनकहा मेरे हृदय में,, मैं जिसे समझी थी ठंडी बर्फ़ है बस।। वो पिघलती […]

ये सुर्ख़ गुलाब सदा से रहा सबका चहेता सभी का पसंदीदा देवी देवताओं का प्रेमी प्रेमिकाओं का यही करता आया है प्यार का इजहार सदियों से … ! शायद इसकी सुर्ख रंगत बढ़ा देती है आपके प्रेम की कीमत,, यही रिझाता आया है देवी देवताओं को क्या इससे भक्ति और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।