” गुलदस्ता फूलों का बंधन है तो भाषा भावों   का” किंतु पत्रकारिता पत्र-पत्रिकाओं के लिए समाचार लेख आदि एकत्रित तथा संपादित करने प्रकाशन आदेश आदि देने का कार्य करने हेतु है, डॉ बद्रीनाथ कपूर तो पत्रकारिता का इतिहास यही कहता है की पत्रकारिता का प्रारंभ सरकारी नीतियों को आम जनता […]

छिपकर मधुबन में जब कान्हा- राधा संग रास रचाते थे, रंग भरी पिचकारी ले कर- घर घर घात लगाते थे, ब्रज की हर गोपी थी भोली. भूलो अब तबकी होली…. रास रचाते धूम मचाते- मुरली मीठी मधुर बजाते, राधा भी सखि वृंद सहित- मोहन की बनती हमजोली. भूलो अब तबकी […]

–वह आज राकेश को कोठी पर मैडम जी के पास लेकर जाएगी वही कुछ समझाएंगी तो ठीक रहेगा. दसवीं में फेल क्या हुआ पढ़ाई  छोड़कर बैठ गया..आवारा दोस्तों में उठ बैठकर ढीठ सा हो गया है.. सुमन खटिया पर लेटे-लेटे इसी उधेड़बुन में थी. तभी ऊंघता हुआ सोहन पास आकर […]

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आशा से देखती है वह आँखें नम करदेती हैं मन बिस्तर पर लेटे पिता के उम्र की तलहटी पर पहुंच कर कुछ वक्त का माँग करती है बच्चों से। कुछ अनगिनत सवालों का जवाब माँगते हुए। अपना सब कुछ सौंपा है तुम्हें वक्त, मेहनत, जवानी वृद्धाप्य क्या अब तुम्हारे पास […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।