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एक मित्र आया था उदास चेहरे के साथ रुपया मांगने विश्वास पर हमने रुपया दे दिया आठ महीने बीत गए इसी इंतेजार में आज देगा या कल अब जरुरत पड़ी मुझे रुपया की तो न कॉल उठाता है न ही कॉल करता है सोच – सोच कर मन व्याकुल हो […]

सोनू को उसकी सहेलियां,`सोनू` नाम से कम,`माधुरी दीक्षित` नाम से अधिक पुकारती थी। उसकी सुंदरता के चर्चे सारे शहर में थे। उस पर उसकी सादगी और संस्कारों ने उसकी सुंदरता में चार चांद लगा दिए थे। सोनू के घर से कुछ ही दूरी पर सुनील नाम का ब्राम्हण लड़का रहता […]

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शालू के दिल में विराट के लिए अथाह प्रेम था, इसलिए शायद विराट के साथ उसने न जाने क्या-क्या सपने देख लिए? किन्तु जब अंधप्रेम का भूत उतरा,तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आज वह अपनी की गई गलती के लिए बेहद शर्मिंदा थी। आज उसकी अाँखों से आँसू […]

सुबह-सुबह जब मैं कार्यालय के लिए तैयार हो रही थी,तभी फोन की घंटी बजीl मैंने फोन उठाया,दूसरी तरफ से आवाज आई `मैडम चौकीदार ने आज फिर बच्ची के साथ अभद्र व्यवहार किया है`, मैडम ऐसा तीसरी बार हुआ है। हर बार मुझे ही छोड़ो जाने दो कहकर शांत कर दिया […]

देश की आन होते हैं,देश की शान होते हैं, गुणों की खान होते हैं,वीरता गान होते हैंl सजाते भारती माँ को,हैं सैनिक खून-पसीने से, बसे दिन-रात सीमा पर,त्याग वलिदान होते हैं। कभी आँधी में चलते हैं, कभी तूफां में चलते हैं, सभी मौसम में ढलते हैं, तोप गोलों से जलते […]

सुमातरम सुमातरम,सुमातरम सुमातरम, हे भारती सुमातरम,हे वन्दे मातरम… वन्दे,वन्दे,वन्दे मातरम्,वन्दे,वन्दे,वन्दे मातरम वन्दे मातरम,वन्दे मातरम,वन्दे मातरम,वन्दे मातरम। पवित्र नद्य निर्मलम,भूमि शस्यश्यामलम। सुफलाम सर्वहितम,पतितजनों पावनम, वन्दे-गंगे,वन्दे-गंगे,वन्दे-गंगे,गंगे मातरम। वन्दे,वन्दे,वन्दे मातरम। सुमातरम……………….ll पूज्यधेनु तुलसीयम,आँगनम सुशोभितम भावना सुमारगम, सौम्यता सुजीवनम। वन्दे-हिन्दे,वन्दे-हिन्दे,वन्दे-हिन्दे,हिन्दे मातरम। वन्दे,वन्दे,वन्दे मातरम। सुमातरम,……………..ll सैन्यजन महानतम,साहसी सुजानतम, भारती सुभोरतम,बाहुबल विशालतम। वन्दे-नंदे,वन्दे-नंदे,वन्दे-नंदे,नंदे मातरम, वन्दे,वन्दे,वन्दे मातरम। […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।