पर्यावरण बचाएँ

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babulal sharma

हे,मनुज विश्व में,पृथ्वी पर जीवन है जितने।
पर्यावरण हित क्या पृथ्वी पर वृक्ष है उतने।

पृथ्वी पर जल जीवन वायु,सब साज सजे है।
पर्यावरण को भूल मनु ने कितने कृत्य सृजे है

ईश,प्रकृति,मानव निर्मित,ये सब जो आवरण
चहुँमुखी अर्थ भला सब मिल होते पर्यावरण

विकास के निमित्त,नितनूतन इतिहास रचाए
इसी दौड़ मनु भूल रहे,अब पर्यावरण बचाएँ

पर्यावरण,हित,स्वच्छ,स्वस्थ ये वातावरण हो
मनु मानवता अपना,शुद्ध,सत्व सदाचरण हो

मात प्रकृति सृष्टा है सृष्टि संचालन करती है।
पर्यावरण की संरक्षा हम पर निर्भर रहती है।

जगमाँ के रक्षण से,पर्यावरण संरक्षण करलें
वन संतुलन बना रहे,मन में संकल्पित करलें

मात् प्रकृति,माँ धरती पर,सृजन चक्र चलाए
आज सभी संकल्प करे हम,पर्यावरण बचाएं

जल प्रदूषण,वायु प्रदूषण,धरा,ध्वनि प्रदूषण।
सब दूषण मिलकर होते,ये पर्यावरण प्रदूषण

ओजोनपर्त को भेद रहे,नित नूतन राकेटो से।
पर्यावरण को नष्ट करें इन राकेटी आखेटों से।

‘ग्रीनहाऊस इफेक्ट’ चलते,तापमान बढ़ता है
ध्रुवक्षेत्रों की बर्फ गले,पर्यावरण नित घटता है

कहीं बाढ़ है सूख कहीं,कंक्रीट के वन भारी।
प्राकृत से धोखा ही पर्यावरण पर हार हमारी

एटम,युद्ध परीक्षण,हथियार,उद्योगी खाद है
देश,होड़ की दौड.में दौड़े,पर्यावरण विषाद है

‘बीती ताहि बिसारि दे,ऐसी मत अय्यारी कर
पेड़ लगे बचे पर्यावरण,रक्षण की तैयारी कर

पर्यावरण शुद्ध रहा तो,जीवन भी बच पाएगा
वरना प्यारे,सब धरा पर यहिं धरा रह जाएगा

नदियों,बांधो,सरवर,तालों को गंदा कर डाला
जलस्रोतों में महागंदगी,पर्यावरण पड़े पाला

हाय मनुज तूने तो सागर की भी रंगत बदली
पर्यावरण को क्षीण किया जल धाराएँ गँदली।

सागर सरस्वती भी रूठी प्यारे राजस्थान से
पर्यावरण संरक्षण बिन हो गये रेगिस्तान से।

जंगल लूटे पेड़ कटाए वन लगते शमशान से
वन्यजीव विचलित रहते पर्यावरण बेहाल से

पैट्रोलियम की धूम भरी,सिंधु धरा असमान में
पर्यावरण को भूल गये मनु तैयारी शमशान में

गाय ऊँट और अन्य मवेशी दिखते न मैदान में
चारागाह चारा मनु खाते,पर्यावरण जहान में

प्लास्टिक पाँलीथीन प्रचालन सरेआम घरद्वारे
धरती सागर नदी गाय और पर्यावरण संहारे।

अब तो चेत मनुज तू पैंड पैंड पर पेड़ लगाले
पर्यावरण संरक्षण की तू अब मन सोच बनाले

वन जंगल जंगली जीवों में भी ईश्वर मानलो
पर्यावरण के सत्य,सुरक्षक को पहचान लो

पेड़,प्रकृति,वन्य वनो जलस्रोते सम्मान करो
पर्यावरण संरक्षण से नवजीवन अरमान करो

नाम- बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

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