( तर्ज़ – चांदी की दीवार ना तोड़ी ) मुझको प्रभुवर शक्ति देना , गुरु महिमा व्याख्यान की | झाँकी एक दिखा सकूँ मैं तुलसी के अवदान की ।| परम्परा के नाम पर सदियों से शोषित थी नारी | अन्धविश्वास अौर रूढ़िवाद में जकड़ी थी वो बेचारी । मुख्य धारा […]
केदारनाथ मे जून 2013 मे आये जल प्लावन के दृश्य देखकर व्यथित हृदय से कुछ क्रोध और क्षोभ से लिखा, प्रस्तुत । तू तो था हे देव सदैव, अपने भक्तों का रक्षक, फिर, किस कारण हे देव ? बना, तेरा दर उनका भक्षक। तेरे चरण धोकर बन जाती जो गंगा […]
जलियांवाला बाग़ कांड का दायी डायर निहत्थे निर्दोषों का हत्यारा था उस जालिम जनरल को सरदार उधमसिंह ने लंदन जाकर मारा था जो किये हैं साध्वी प्रज्ञाजी पर ज़ुल्म जिसने भी, हिसाब तो उन्हें भी देना होगा जिंदा जो भी बचे ज़ुल्मी, आत्मग्लानि में तिल तिल कर मरना होगा “अंत […]
मेरे पापा कितने अच्छे, मेरे संग बन जाते बच्चे, मुझे अपनी पीठ बिठाते, सारे घर की सैर कराते, मेरी बातें ध्यान से सुनते, हरदम रहते मुझे निखारते पर,मेरे पापा हैं बड़े भोले, कभी नहीं मुझे डांट के बोले, कोई उनको कितना टटोले, मेरी गलती पर मुंह नहीं खोले, मुझको जैसे […]
अन्तर्जातीय विवाहों को समय पर रोक दिया होता, संस्कारों का हनन हमने यूं मूक सहा नहीं होता। तो स्वतंत्रता के नाम पर उच्छश्रंखलता नहीं बढ़ी होती, भव्यता के प्रदर्शन में अश्लीलता नहीं पनपी होती। वक्त रहते सम्भलना हमको यदि आ जाता, ‘लव जिहाद’ का दंश भारत में नहीं पनप पाता। […]
साँसों में मन्द सौरभ भरकर, लुक-छिपकर चलते हो क्यों? हे,लाज भरे सौंदर्य बता दो, ‘मौन’ बने रहते हो क्यों ? पूर्ण चंद्र की धवल चांदनी, अदृश्य बने रहते हो क्यों? पंथ आपका निर्बाध,फिर, कदम पीछे हटाते हो […]
डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ इन्दौर (म.प्र.) से खबर हलचल न्यूज के सम्पादक हैं, और पत्रकार होने के साथ-साथ शायर और स्तंभकार भी हैं। श्री जैन ने आंचलिक पत्रकारों पर ‘मेरे आंचलिक पत्रकार’ एवं साझा काव्य संग्रह ‘मातृभाषा एक युगमंच’ आदि पुस्तक भी लिखी है। अविचल ने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज में स्त्री की पीड़ा, परिवेश का साहस और व्यवस्थाओं के खिलाफ तंज़ को बखूबी उकेरा है। इन्होंने आलेखों में ज़्यादातर पत्रकारिता का आधार आंचलिक पत्रकारिता को ही ज़्यादा लिखा है। यह मध्यप्रदेश के धार जिले की कुक्षी तहसील में पले-बढ़े और इंदौर को अपना कर्म क्षेत्र बनाया है। बेचलर ऑफ इंजीनियरिंग (कम्प्यूटर साइंस) करने के बाद एमबीए और एम.जे.की डिग्री हासिल की एवं ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियों’ पर शोध किया है। कई पत्रकार संगठनों में राष्ट्रीय स्तर की ज़िम्मेदारियों से नवाज़े जा चुके अर्पण जैन ‘अविचल’ भारत के २१ राज्यों में अपनी टीम का संचालन कर रहे हैं। पत्रकारों के लिए बनाया गया भारत का पहला सोशल नेटवर्क और पत्रकारिता का विकीपीडिया (www.IndianReporters.com) भी जैन द्वारा ही संचालित किया जा रहा है।लेखक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तथा देश में हिन्दी भाषा के प्रचार हेतु हस्ताक्षर बदलो अभियान, भाषा समन्वय आदि का संचालन कर रहे हैं।