मेरा परिवार

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pukharaj
मेरे पापा कितने अच्छे,
मेरे संग बन जाते बच्चे,
मुझे अपनी पीठ बिठाते,
सारे घर की सैर कराते,
मेरी बातें ध्यान से सुनते,
हरदम रहते मुझे निखारते
पर,मेरे पापा हैं बड़े भोले,
कभी नहीं मुझे डांट के बोले,
कोई उनको कितना टटोले,
मेरी गलती पर मुंह नहीं खोले,
मुझको जैसे हैं पापा मिले,
सबको वैसे पापा मिलें।
मेरी मम्मी है सबसे न्यारी,
लगती मुझको बहुत ही प्यारी,
वही डिशें वो रोज बनाती,
जिनको मैं बड़े चाव से खाती,
नए-नए कपड़े पहनाती,
परियों के देश से हूं मैं आती,
अपने हाथों से मुझे नहलाती,
लोरी गाकर मुझे सुलाती,
नित्य मुझको वो पढ़ातीं,
पूरा गृहकार्य करवातीं,
कितना ध्यान वो मेरा रखती,
जुबान से मैं कह नही सकती।
#पुखराज छाजेड़
परिचय : जयपुर के निवासी पुखराज छाजेड़ करीब 10 वर्ष से लगातार लेखन में सक्रिय हैं। जयपुर(राजस्थान) में व्यवसायी होने के बाद भी बतौर रचनाकार आप सतत सक्रिय हैं।

matruadmin

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