तुलसी के अवदान

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pukharaj
( तर्ज़ – चांदी की दीवार ना तोड़ी )
मुझको प्रभुवर शक्ति देना ,
 गुरु महिमा व्याख्यान की |
झाँकी एक दिखा सकूँ मैं
तुलसी के अवदान की ।|
परम्परा के नाम पर
सदियों से शोषित थी नारी |
अन्धविश्वास अौर रूढ़िवाद में
 जकड़ी थी वो बेचारी ।
मुख्य धारा में जोड़कर
उसका तुमने उत्थान किया |
ऋणी रहेगी नारी जाति,
तेरे दिये सम्मान की।|
प्रेक्षाध्यान से चित्त शुद्दि का
 तुमने मार्ग दिखाया है |
आत्म साक्षात्कार का
कर प्रयोग तुमने सिखाया है |
भाव शुद्दि से आभा शुद्दि का,
 तुमने जो है स्वरुप गढ़ा |
जोड़ नहीं  दूजी जगत में
 कोई प्रेक्षाध्यान की ||
नैतिक, प्रामाणिक, अहिंसक
 सरल, सत्य व्यवहार हो |
मैत्री, एकता, आत्म संयम
 जीवन का आधार हो |
प्राणी मात्र के प्रति ह्रदय में
 सद्भाव और समभाव हो |
विश्व में है अलख जगी,
 इस अणुव्रत सुमहान की |
#पुखराज छाजेड़
परिचय : जयपुर के निवासी पुखराज छाजेड़ करीब 10 वर्ष से लगातार लेखन में सक्रिय हैं। जयपुर(राजस्थान) में व्यवसायी होने के बाद भी बतौर रचनाकार आप सतत सक्रिय हैं।

matruadmin

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