छोड़कर अपना मैं और तुम आओ हम बनाते हैं मिला कर सारे सुर कोई नई सरगम बनाते हैं ============================ उनकी नफरतों का प्यार से देकर जवाब उनको देखो दुश्मनों को कैसे हम हमदम बनाते हैं ============================ रंग कर दोस्ती के रंग में ये कपड़ा भरोसे का लहराए जो सदियों तक […]

ज़रा सी नज़रे-इनायत सनम इधर कर दो चाहे मुझपे इक एहसान समझकर कर दो ======================== तमाम उम्र फिर अँधेरों में मैं जी लूँगा मेरे नाम तुम बस अपनी एक सहर कर दो ======================== मिज़ाज़पुर्सी को वो आएं चाहे न आएं मैं बीमार हूँ इतनी उन्हें खबर कर दो ======================== दबा […]

जो  आवाम  को  पसंद  हो  वो  बात करोगे मुफलिस   की,  तवंगर  की  मुदारात करोगे ========================== अच्छे  से अब तो हम भी जानते हैं नेता जी तुम   वोट   के   लिए   जो  करामात करोगे ========================== रंग   बदलने  का   हुनर    इतना   है   तुम में गिरगिट को भी आसानी से तुम मात करोगे […]

भरम इश्क का हर हाल बनाए रखना वो सामने हो तो नज़रों को झुकाए रखना ========================== आए कि न आए उसकी ये मर्ज़ी ठहरी अपनी चौखट पर एक शमा जलाए रखना ========================== हिज्र के सर्द मौसम में गर्म रखेंगी तुम्हें खुशनुमा यादों को सीने से लगाए रखना ========================== रूह तक […]

हरदम करता रहा सफर मैं बना न पाया कहीं भी घर मैं ================== लोगों ने आवाज़ बहुत दी लेकिन ठहरा नहीं किधर मैं ================== छोड़ गया जब तू ही मुझको क्या करता तनहा जीकर मैं ================== किससे-किससे बचूँगा कबतक सबके निशाने के ऊपर मैं ================== तू मंदिर की मूरत जैसी […]

दो दिन सुकून से जीना मुहाल करते हैं ये दुनिया वाले भी कितने सवाल करते हैं ========================== न रह सकेंगे खुश वो लोग किसी कीमत पर जो दूसरे की खुशी पर मलाल करते हैं ========================== हम बेकार हैं तो भी कुछ कम मसरूफ नहीं जो लोग कुछ नहीं करते कमाल […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।