भरम इश्क का हर हाल बनाए रखना

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bharat malhotra
भरम इश्क का हर हाल बनाए रखना
वो सामने हो तो नज़रों को झुकाए रखना
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आए कि न आए उसकी ये मर्ज़ी ठहरी
अपनी चौखट पर एक शमा जलाए रखना
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हिज्र के सर्द मौसम में गर्म रखेंगी तुम्हें
खुशनुमा यादों को सीने से लगाए रखना
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रूह तक खिल उठे तेरी ख्याल से जिसके
उसकी तस्वीर निगाहों में बसाए रखना
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काम खंजर न आए सुई की ज़रूरत हो जहां
हम गरीबों से भी कुछ रिश्ता बनाए रखना
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ज्यादा मशहूरी भी मगरूर करती है अक्सर
खूबियां अपनी ज़माने से छुपाए रखना
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#भरत मल्होत्रा

परिचय :– 
नाम- भरत मल्होत्रा 
मुंबई(महाराष्ट्र)
शैक्षणिक योग्यता – स्नातक 
वर्तमान व्यवसाय – व्यवसायी 
साहित्यिक उपलब्धियां – देश व विदेश(कनाडा) के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों , व पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित
सम्मान – ग्वालियर साहित्य कला परिषद् द्वारा “दीपशिखा सम्मान”, “शब्द कलश सम्मान”, “काव्य साहित्य सरताज”, “संपादक शिरोमणि”  
झांसी से प्रकाशित “जय विजय” पत्रिका द्वारा ” उत्कृष्ट साहितय सेवा रचनाकार” सम्मान एव 
दिल्ली के भाषा सहोदरी द्वारा सम्मानित, दिल्ली के कवि हम-तुम टीम द्वारा ” शब्द अनुराग सम्मान” व ” शब्द गंगा सम्मान” द्वारा सम्मानित  
प्रकाशित पुस्तकें- सहोदरी सोपान 
                         दीपशिखा 
                         शब्दकलश 
                         शब्द अनुराग 
                         शब्द गंगा

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