चिड़ीमार मत काँव काँव कर, काले काग रिवाजों के। वरना हत्थे चढ़ जाएगा, मेरे  उड़ते  बाज़ों के। बुज़दिल दहशतगर्दो सुनलो, देख थपेड़ा ऐसा भी। और धमाके क्या झेलोगे, मेरे यान मिराजों के। तू जलता पागल उन्मादी, देख भारती साजों से। देख हमारे बढ़े कदम को, उन्नत सारे काजो से। समझ […]

मालवा  की प्यारी मीठी मालवी में लिखी गई पुस्तक “पचरंगो मुकुट ” के लिए मालवी के साहित्यकार श्री राजेश भंडारी “बाबू” को दिल्ली के खचाखच भरे  साहित्य अकादमी सभागार,रविन्द्र भवन न्यू दिल्ली  में सर्व भाषा ट्रस्ट द्वारा  २२ दिसम्बर शनिवार को  “सूर्यकांत त्रिपाठी निराला साहित्य सम्मान २०१८” प्रदान किया गया […]

ees रावण भैया आपको कलयुग का शत शत प्रणाम , आप तो बुराइ के प्रतिक माने जाते थे आप तो बहुत ही बुरे थे ऐसा जाने जाते थे दहाड़ ऐसी की जानवर भी डर जाते थे आपके दहाड़ने से नहीं डरे वो थे हमारे राम रावण भैया आपको कलयुग का […]

शव शय्या पर हुवा जलाशय ,अब भी न्याय की आस हे विनाश करे जो सरोवर का ,क्या यही विकास हे खुनी आसू रो रहा जलाशय भरा लबालब था कभी मूक दर्शक बने हुवे जो जिम्मेदार थे वो सभी रसुब सत्ता के मद में तुम आततायी होने वालो बूंद बूंद को तरसोगे तुम मत मुगालता कोई पालो तुम से तो राजा अच्छे थे जो जनता के सेवक सच्चे थे पर्यावरण के रखवाले थे नहीं तुम जेसे विष वाले थे जलाशय की रखवाली करते थे पानी की रक्छा के लिए मरते थे सरकारी जमींन खाली  रखते थे सारे पशुधन उस पर चरते थे जलाशय में  पानी होता था गहन गंभीर मालवा होता था फिर ना जाने क्यों आजादी आयी खुब मनमानी और बर्बादी लायी काकड़ गोये राजनीती की बलि चड़े चोकीदार और नेता उनपर टूट पड़े पशुपालन की जो थी जमीन उसका मालिक बन बेठा अमिन मनमाने निर्णयों में पर्यावरण को खाया हे बिना पेड़ के आया सब पर मोत का साया हे षडयंत्र करके जलाशयों को  तोडा   हे गहरा करने के नाम पर उनका पेंदा फोड़ा हे जब खाली जलाशय शव शय्या पर थे पड़े भू माफिया और छुट भय्या उस पर टूट पड़े कंक्रीट का जंगल बेचारे तालाबो पर बन गया जीवन दान देने वाला जलाशय शमशान बन गया जलचर जानवरों की आत्मा वहा बिलखती हे परियो और राहगीरों की रूहे वहा सुलगती हे फिर कुवे बावड़ियो का नम्बर आया अल्टरनेटिव में उनके हेंडपंप को लगवाया जलाशय सूखने से बावडियो के पेंदे सूखे हेंड पंप चला चलाके बहनों के पेडू दुखे जब पर्यावरण की वाट लगा डाली तो पानी के स्रोत हो गये सब खाली जंगलो और खेतो में सड़के जब बनवाई खेती बाड़ी को भी मशीनों के मोहताज बनाई विदेशी दवाई और खाद देश में जब घुस आया साथ में ढेरो बीमारी और कुपोषण ले आया पहले जो ब्लड टेस्ट में भी  था घबराता अब ख़ुशी ख़ुशी वो हार्ट सर्जरी करवाता सारी कमाई घुस जाती हे साबुन और दवाओ में फिर भी इंसान जिन्दा हे सपनो और हवाओ में #राजेश भंडारी “बाबू” इंदौर(मध्यप्रदेश) Post Views: […]

टंगी है दीवाल पर, तस्वीर दादा पर दादा की धूल-मिट्टी उस पर कर रही राज, चला रही शासन। जाले मकड़ी के इर्द-गिर्द, जैसे दबा रहे उसे चंगुल में, खामोश निशब्द तस्वीर सह रही, जुल्म नए-पुराने यूं ही हँसते,मुस्कुराते, पर हम नहीं देख पा रहे बुजुर्गों को तस्वीर की गहनशीलता कोll […]

हाँ,माना हार  के बाद  ही  जीत   हैl आत्महत्या   करना   कौन-सी       रीत    हैll दो-चार     मुश्किलों     से    तुम     डर    गएl उनको   भी   याद   कर    जिनके  घर    गएll तनाव, पढ़ाई  का  दवाब, अवसाद, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।