टंगी है

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ashok babu
टंगी है
दीवाल पर,
तस्वीर दादा पर दादा की
धूल-मिट्टी उस पर
कर रही राज,
चला रही शासन।
जाले मकड़ी के
इर्द-गिर्द,
जैसे दबा रहे उसे
चंगुल में,
खामोश निशब्द तस्वीर
सह रही,
जुल्म नए-पुराने
यूं ही
हँसते,मुस्कुराते,
पर हम नहीं देख पा रहे
बुजुर्गों को
तस्वीर की गहनशीलता कोll

                                               #अशोक बाबू माहौर
परिचय:अशोक बाबू माहौर का जन्म १० जनवरी १९८५ को हुआ हैl मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की तहसील-अम्बाह के ग्राम-कदमन का पुरा में आप रहते हैंl लेखन में हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं में संलग्न हैंI कई पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित होती रहती हैंI किताबें पढ़ना और स्वतंत्र लेखन करना आपकी अभिरुचि का विषय हैI सम्मान के रूप में ई-पत्रिका की ओर से विशेष मान्यता सम्मान २०१४-१५ से अलंकृत किए जा चके हैंI

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।