मातृ भाषा है हिन्दी मेरी, मेरे भारत का अभिमान। बावन अक्षर इसमें प्यारे, करते है हम सब सम्मान।। बारह खड़ी कि अद्भुत रचना, क से ज्ञ तक व्यंजन जान। स्वर की महिमा बड़ी अनोखी, प्राकृत का होता है ज्ञान।। स्वर व्यंजन व व्याकरण मिलके, बनते है फिर छंद महान। गीत […]

इन्दौर। सुप्रसिद्ध शिक्षाविद एवं साहित्यकार डॉ. एस.एन.तिवारी की स्मृति में श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति में इंदौर के पांच साहित्यकारों का सम्मान किया गया। यहाँ मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार प्रो.कमल दीक्षित ने लेखक विजयसिंह चौहान को साहित्य सेवा के लिए सम्मानित किया।  अनेक नामचीन साहित्यकारों के इस शहर में […]

धधकने लगी हैं चमन ये फिजायें, कि ऐसे में हम मुस्कुराएँ तो कैसे! वतन जल रहा है पतन की अगन में, अगन ये पतन की बुझाएं तो कैसे! है अभिशाप जैसी हुई राजनीति, इस अभिशाप से मुक्ति पाएं तो कैसे! नही अब धरा पर भागीरथ भी कोई, धरा धार गंगा […]

कविता रोती शब्दों से ,कवि गीत बनाता जाता है कुछ भूले बिसरे लम्हों के संगीत बनाता जाता है   पनघट पर जब घट फूटे तो ,कविता निकल के आती है कोई भँवरा मधु लूटे तो ,कविता निकल के आती है शोभा तब है नारी की ,जब लाज ही उसका गहना […]

मातृ-भूमि की गोद में,है स्वर्गिक आनन्द। जियें-मरें इसके लियें, रच लें सुन्दर छन्द।।1।। इसके पूजन हेतु हम,तन-मन-धन ले सर्व। हम पैदा इस पर हुए, हमको  इसका  गर्व।।2।। अपनी भाषा में करें,हम इसका गुण-गान। इसका बढ़  जायगा, अपना  भी  सम्मान।।3।। अमृत सा जल पी रहे, चन्दन  सी  है  धूल। इसके  अर्चन  […]

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तन्हा तन्हा रहती हूँ मैं अपनी मौज में बहती हूँ मैं तुम क्या जानो खंड़हर जैसी जर्रा जर्रा ढ़हती हूँ मैं निर्मल जल हिमगिरि से लेकर कलकल कलकल बहती हूँ मैं बिन बोली कितनी हैं बातें फिर भी चुप चुप कहती हूँ मैं मैं ठहरी गंगा सी सरिता बोझ पाप […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।