अलविदा बसंत फागुन आयो, रंग-बिरंगी संग होली लायो, चंग ढप ढोल डफली बजी, ढोल की थाप पर नाचे नर-नार रे, टेसू के फूल खिले रंग करो तैयार, इन रंगों में छिपा मधुर प्रेम व्यवहार, होलिका जलेगी सब होली मनाएंगे, राक्षसी वृतियां जलेगी होगा पाप का,  धर्म का प्रहलाद बचेगा होगी […]

आओ विकसित देश बनाएँ, ‘दृष्टि दो हज़ार बीस’ अपनाएं। सुंदर प्रकृति को हम बचाएं, गीत खुशी के मिलकर गाएँ। मरुस्थल के हम शूल हटाएँ, श्रम कर हम अन्न उपजाएँ। हरियाली चहुँओर फैलाएं, रंग-बिरंगे सुमन खिलाएँ। सागर को भी लांघ जाएं, प्रगति पथ पर बढ़ते जाएं। अपना हुनर भी दिखाएं, विकसित […]

 लो स्वागत कीजिए २०१८ का नई उमंग नव उल्लास के साथ लें नव संकल्प। घर में यदि आप अपने बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे रहे हों तो नए साल में ये संकल्प जरूर लें कि हम हमारे बच्चों को धन के साथ समय भी देंगे। परिवार में बुजुर्गों का […]

1

देखते हो आप हर जगह एक प्रतिस्पर्धा, हर कोई आगे निकलना आगे बढ़ना चाहता है, इसके लिए दिन-रात सुबह-शाम दौड़ रहा, लगातार चल रहा एक अंधी दौड़, जिसमें शांति नहीं केवल होड़ है, जिसका न आदि न अंत है, निन्यानवें के फेर-सा क्या चाहता आदमी धन जोड़ना नाम कमाना दहशत […]

   आज रमेश बड़ा उदास नज़र आ रहा है। उसकी आँखों में बड़ी सोच है। वह बड़ा अधिकारी बनना चाहता है,मगर घर की गरीबी उसके हर सपने को तोड़ देती है।   अचानक उसके पास एक लाल रंग की बोलेरो गाड़ी आकर रुकती है। उसमें से तीन व्यक्ति उतरते हैं। […]

अब लबों पर इश्क के तराने नहीं आते। लाख खुदाई करो,मगर खजाने नहीं आते॥ घुटन रह-रहकर सारे किस्से बयां करती। अब नकली चेहरे हमें छुपाने नहीं आते॥ घर के बुजुर्गों को चैन से जी लेने दीजिए। अब शहरों में वो दिन बिताने नहीं आते॥ मतलबपरस्ती में लोग आग लगा रहे। […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।