छोटे संकल्प,बड़ी खुशियां

0 0
Read Time5 Minute, 33 Second
rajesh sharma
 लो स्वागत कीजिए २०१८ का नई उमंग नव उल्लास के साथ लें नव संकल्प। घर में यदि आप अपने बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे रहे हों तो नए साल में ये संकल्प जरूर लें कि हम हमारे बच्चों को धन के साथ समय भी देंगे। परिवार में बुजुर्गों का सम्मान करेंगे,उनके आदेशों का पालन करेंगे। घर में शांति का वातावरण रहे,ऐसा प्रयास करेंगे। घर के उद्यान में पेड़-पौधों की देखभाल करेंगे,ताकि घर का पर्यावरण स्वच्छ रहे,घर के सदस्य निरोग रहे। उन्हें अच्छा वातावरण मिले। उद्यान में प्रातःकाल सैर करने से शरीर स्वस्थ रहता है। यदि घर परिवार में कोई तंबाकू युक्त सामग्री का उपयोग करता है तो उसे रोकने का संकल्प करवाना है। उसे समझाना है कि नशा नाश की जड़ है,जो स्वयं के जीवन के साथ-साथ परिवार की सुख-शांति भी समाप्त करता है। घर में आध्यात्मिक वातावरण बने,इस हेतु सुबह-शाम पूजन- अर्चन संध्याकालीन उपासना आदि करना चाहिए। धर्म ग्रन्थों का पठन बालपन से ही कराना चाहिए। घरों का कूड़ा-कचरा घर के बाहर फेंकने हेतु संकल्प दिलाने की आवयश्कता है,ताकि स्वच्छता बनी रहे। नए साल में शादियों में होने वाले अनर्गल खर्चों से,महंगी शादियों से बचने का संकल्प कराने की आवयश्कता है। यदि दान ही करना है तो चिकित्सालय,विद्यालय आदि स्थानों में चल रहे विकास कार्यों में दान कर देना चाहिए। गर्मी के दिनों में प्यासे को पानी मिले,इस हेतु गांव-शहरों में प्याऊ लगाने के संकल्प की आवयश्कता है। सर्दियों में रैन बसेरा बनाकर रेलवे स्टेशन,बस अड्डे के आसपास भटकते गरीब लोगों को ठंड से बचाने का संकल्प लेना चाहिए। विद्यालयों में जो बच्चे गणवेश नहीं खरीद सकते,उन्हें निशुल्क
गणवेश देने और जो जूते-मोजे पहनकर नहीं आते,उन्हें चरण पादुका वितरित करवाने की आवश्यकता है। घर में पड़े हुए कपड़े जो काम नहीं आते,जिन्हें अक्सर रख दिया जाता है,उन्हें भलाई की दीवार पर लटका देना चाहिए,ताकि गरीब लोगों का तन ढंक सकें।
           बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सप्ताह में एक दिन साईकल चलाने का संकल्प करना चाहिए,जिससे पर्यावरण शुद्ध रहेगा,डीजल-पेट्रोल की बचत होगी, ध्वनि प्रदूषण कम होगा। घर के रोज़मर्रा के काम साईकल से ही करना चाहिए। साईकल चलाने से सम्पूर्ण शरीर का व्यायाम होता है,मांसपेशियां मजबूत बनती है। नए साल में संकल्प करें,खुश रहें।
        नए वर्ष में बच्चों को पढ़ने के लिए बाल साहित्य उपलब्ध करवाने का संकल्प करें,उन्हें बालहंस,बालवाटिका, चम्पक,देवपुत्र,नंदन,बालभारती,बाल कहानियां,बाल रामायण,बाल गीता आदि पढ़ने के लिए प्रेरित करें। खुद भी साहित्य पढ़ें और बच्चों को भी बाल साहित्य पढ़ाएं। अक्सर देखा गया है कि,  हम बच्चों को साहित्य पढ़ने के लिए कहते हैं,लेकिन खुद नहीं पढ़ते हैं। अंतरजाल (इंटरनेट) के युग में हम सब मोबाइल में खोए हुए हैं, ऐसे में पुस्तकों को पढ़ना-उन्हें खरीदना फिर से प्रारम्भ करना चाहिए। इस प्रकार साल २०१८ में छोटे-छोटे संकल्प लेकर बड़ी खुशियां मनाएँ।
नवल वर्ष में नवल हर्ष हो।
जीवन में नित उत्कर्ष हो॥
#राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’
परिचय: राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’ की जन्मतिथि-५ अगस्त १९७० तथा जन्म स्थान-ओसाव(जिला झालावाड़) है। आप राज्य राजस्थान के भवानीमंडी शहर में रहते हैं। हिन्दी में स्नातकोत्तर किया है और पेशे से शिक्षक(सूलिया)हैं। विधा-गद्य व पद्य दोनों ही है। प्रकाशन में काव्य संकलन आपके नाम है तो,करीब ५० से अधिक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा आपको सम्मानित किया जा चुका है। अन्य उपलब्धियों में नशा मुक्ति,जीवदया, पशु कल्याण पखवाड़ों का आयोजन, शाकाहार का प्रचार करने के साथ ही सैकड़ों लोगों को नशामुक्त किया है। आपकी कलम का उद्देश्य-देशसेवा,समाज सुधार तथा सरकारी योजनाओं का प्रचार करना है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

नए साल में

Tue Jan 2 , 2018
हों सभी खुशहाल नए साल में, अब न हों कोई बेहाल नए साल में। ये रंजो ग़म भी दूर ही रहें सदा, हो कभी न मलाल नए साल में। है मस्ती दिलों में तराने खुशी के, हो खुशी न हो जलाल नए साल में। है सभी को मेरी यह शुभकामना, […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।