क्या कांग्रेस का खोया राजनीतिक आत्मविश्वास लौटने  लगा है? क्या दो मीडिया संस्थानों के हालिया चुनावी सर्वे ने उसे मुगालते में ला दिया है? या फिर कांग्रेस को लगने लगा है कि मोदी सरकार के दिन जल्द ही लदने वाले हैं? ये तमाम सवाल इसलिए क्योंकि पिछले कई चुनावों […]

दिल्ली की चौखट पे आज, संविधान बना फरियादी है ये कैसी आज़ादी है भाई, ये कैसी आजादी है।। कोई संविधान को जला रहा, कोई नियम अपने चला रहा कोई हक सबका छीन रहा, कोई देश लूटने में लीन रहा और देश को विकसित करने की, करवाते रहे मुनादी है ये […]

क्या अंदर, क्या बाहर है सिर्फ़ ख़ला का मंज़र है क्या बेहतर क्या बदतर है सब कुछ सोच पे निर्भर है जिसके हाथ में पत्थर है वो तो ख़ुद शीशागर है सोच का पैकर बदला है आज ग़ज़ल कुछ हटकर है ग़म की सहबा पी कर अब ख़ुश रह पाना […]

एक बार हिन्दी अपने घर मे बहुत ऐस्वर्य से रह रही थी. हिन्दी का बहुत बड़ा  साम्राज्य था. हिन्दी अत्यंत उदार थी. उसकी भावनाए अत्यंत उच्च थी. “वसुधैव कुटुंब ” और “अतिथि देवो भव “उसके सिधान्त थे. हिन्दी की ख्याती दूर -दूर तक थी दूर परदेश मे अंग्रेजी रहती थी […]

मोहब्बत को होंठों से            पीने का सलीका सिखा। परेशां हैं लोग बहुत,तू मुझे           जीने का सलीका सिखा। मोहब्बत को…॥ हो न जाए सरेआम                  सड़कों पर नीलाम। जरा तहजीब से पेश आ   […]

जिंदगी कभी-कभी, बेमानी-सी लगती है। टूटे हुए दरख्त की, कहानी-सी लगती है। तन्हाई की रात़ों में, जिन्होंने दिया साथ। आज वे भी कर रहे हैं, अपने पीछे हाथ रोशनी की किरण भी, अंधियारी-सी लगती है। शाखों पे खिले थे, अनगिनत फूल। हवा चली ऐसी, मिल गए सब धूल। यादों की […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।