ये कैसी आजादी है

0 0
Read Time2 Minute, 27 Second

ajay ahsas

दिल्ली की चौखट पे आज, संविधान बना फरियादी है
ये कैसी आज़ादी है भाई, ये कैसी आजादी है।।
कोई संविधान को जला रहा, कोई नियम अपने चला रहा
कोई हक सबका छीन रहा, कोई देश लूटने में लीन रहा
और देश को विकसित करने की, करवाते रहे मुनादी है
ये कैसी आज़ादी है भाई, ये कैसी आजादी है।।
कोई अपने हक के लिए लड़ रहा, कोई जाति धर्म पे झगड़ रहा
ये कुर्सी वाला दानव, उन्माद में सबको रगड़ रहा
मानव मानव से दूर रहे, ये समानता कैसी ला दी है
ये कैसी आज़ादी है भाई, ये कैसी आजादी है।।
डायर सा गोली चलवाते, निर्दोष को लाठी से पिटवाते
और केस बनाते जबरदस्ती, फूंक देते गरीबों की बस्ती
अपना हक मांगने वालों को, शासन कैसे तड़पाती है
ये कैसी आज़ादी है भाई, ये कैसी आजादी है।।
अंग्रेजों सा शोषण करते, पूंजीवादी पोषण करते
सत्ता शासन का अहंकार, ला देता है मन मे विकार
इनके शोषण से शोषित ये, भारत की जन आबादी है
ये कैसी आज़ादी है भाई, ये कैसी आजादी है।।
कोई खून पसीने से लथपथ, कोई बैठा है दस जनपथ
कोई खेतों मे करें काम, कोई ए०सी०में करता आराम
कोई दाम लगा आनाजों की, कृषकों की करें बरबादी हैं
ये कैसी आज़ादी है भाई, ये कैसी आजादी है।।
अपने घर मे नौकर बनकर, मालिक के जुल्मों को सहकर
मजदूरों सा जीवन जीकर, और खून भरे आंसू पीकर
तानाशाही को देख देख, ‘एहसास’ हुआ फौलादी है
ये कैसी आज़ादी है भाई, ये कैसी आजादी है।।

 #अजय एहसास

परिचय : देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के सुलेमपुर परसावां (जिला आम्बेडकर नगर) में अजय एहसास रहते हैं। आपका कार्यस्थल आम्बेडकर नगर ही है। निजी विद्यालय में शिक्षण कार्य के साथ हिन्दी भाषा के विकास एवं हिन्दी साहित्य के प्रति आप समर्पित हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

हे धन्य भूमि

Wed Aug 15 , 2018
हे धन्य भूमि भारती तू आन बान अरु शान है| हे मातृभूमि शरण दायनि तू जननी तू प्राण है|| तू  प्रीत  रीत   संगीत  है  पावन  तू सुख धाम  है| तू शौर्य भगत आजाद है तु श्वास में अविराम है|| गा कर के वंदेमातरम् करते सभी अराधना| सैनिक समर्पित भाव लिये  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।