‘बरेली  की बर्फी’ को देखा तो याद आया आगरे का पेठा, राजिस्थानी  घेवर  और  मथुरा  के पेड़े पर  दिल एंठा। गुजरात  की सोन पपड़ी  और बंगाल के रसगुल्ले, कौन होगा जो जवानी के ये रसभरे किस्से भूले। मारवाड़ी  काजू  कतली  और रसीली रबड़ी, जो कालेज के दिनों में करती थी […]

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मिल गई आजादी हमें- अपना राज करने की, अपनी जेब भरने की और मनमानी करने की॥ मिल गई आजादी हमें- जनता को मूर्ख बनाने की, जनता को फुसलाने की नई नीति बनाने की, झूठ-मूठ में बतियाने की॥ मिल गई आजादी हमें- सम्पत्तियां हड़पने की, ख़ामोखा खड़कने की किसी को भी […]

ये मत समझ लेना कि, कंस और कारावास सिर्फ  वहीं  है जहाँ कृष्ण  है। सच  तो यह है कि, कंस और कारावास के बिना अधूरा हर प्रश्न है। जब मरती है एक के बाद एक सात संतानें, तब आठवें नम्बर पर जन्म पाता है कृष्ण। ठीक वैसे ही जैसे, जब […]

रिश्ते जो जिंदगी में,मिलते हैं प्यार बन के, खिलते हैं फूल बन के,चुभते हैं हार बन के। कोई नहीं किसी का,झूठे हैं सब सहारे, रोते हैं आसमां के ये जगमगाते सितारे। देते हैं बेकरारी दिल का करार बन क़े, रिश्ते जो जिंदगी में ———-। रंगीन  मंजरी  को,देखो न पास जा […]

भाई-बहन के पवित्र  प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन महिला सुरक्षा का प्रतीक है। मध्य युग में महिलाओं पर अत्याचार बहुत  होते थे,तब अपनी सुरक्षा  के लिए महिलाओं द्वारा भाई की कलाई  पर राखी बांधकर सुरक्षा का वचन ले लिया जाता था। इसका भाई-बहन के सगे होने-न होने से भी कोई […]

आओ जन्म भूमि की वंदना करें, राष्ट्र  वंदना करें। शस्य श्यामला धरा प्रबुद्ध शुद्ध हो, रोटी,कपड़ा और मकान सर्व सिद्ध हो, हर नवजात एक कृष्ण बुद्ध हो, कृष्ण बुद्ध हो। एक विशिष्ट राष्ट्र की कामना करें, आओ वंदना करें। वरदहस्त हमपे भारती का रहे, हर जगह प्रकाश आरती का रहे, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।