भारतीय अनमोल धरोहर, सबके अन्त: में हो योग। संयम का  यह महामूल है, इससे काया रहे निरोग। अजर अमर जीवन पाने के, हेतु करें नित प्राणायाम। ओम जाप यदि मुश्किल हो तो, जप लें केवल राघव  राम। योग   साँस  का लेना-देना, करें योग, जीवन  मुस्काय। अब  तो  जागो   […]

(अंतरराष्ट्रीय योग दिवस विशेष) योग नित्य कीजिए, रोग मुक्त कीजिए। आप तो निरोग हों, जिंदगी सुभोग हो।          कीमती शरीर है,          आदतें अधीर है।          लोभ में न आइए,          देह को बचाइए। आप आलसी न हों, […]

  हल चलाता जा हे हलधर! इस तपती रेती में, जोते जा तू उम्मीदों को अपनी,गिरवी खेती में। न आया बादल आषढ़िया,गहराया न सावन… श्रम बिन्दु झरझर बरसा,तू बंजर रेती में।।   पूछत प्रिया तेरी तुझसे कैसी होगी अबकी खेती? ब्याह देगें क्या अबके मुहूर्त में अपनी बड़की बेटी! बहुत […]

आप हमारे पालक पापा, नेह करे हैं बालक पापा। दें अपना आशीष हमेशा, कौन भला होवे तब जैसा। आज मुझे है संकट भारी, साथ सदा दें आप हमारी। देख रहा हूँ आहट पापा, आप रहे हैं चाहत पापा।                         […]

अहिँसा परमो धर्म हमारा, पर आगे की सुन लो बात। निजरक्षा के हेतु चलाना, आता हमको घूँसा-लात॥ मातृभूमि होती सर्वोपरि, अगर दिखाई उस पर आँख। भूल अहिंसा को जाएंगे, काटेंगे नव अंकुर पाँख॥ शस्त्र और शास्त्र दोनों ही, रामायण गीता सिखलाय। अब तो जागो मीत   हमारे, ‘अवध’ सभी को […]

मेरी खिड़की पर चिड़ियों ने एक घोंसला बना था। मैंने देखा उसमें से कुछ दिन से आवाज़ नहीं आ रही थी। मुझे लगा अब इसे हटा देना चाहिए। घोंसला ऊंचा था।मैंने टेबिल पर कुर्सी रखी और उस पर चढ़ने लगा। मेरे 75 साल के पिताजी जो आज भी शारीरिक रूप […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।