जन्म दिवस पर गुरू माँ को वंदामि हमारा जन्मदिवस आज मनाएँ प्यारी माँ तुम्हारा जिनशासन का प्यारा फूल सबसे सुंदर न्यारा हम सबको लगता है गुरू माँ का चेहरा प्यारा खुशियों भरा हर पल हो यही अरमान हमारा जन्म दिवस—————- श्री निर्मल सागर जी के चरणों में शीश झुकाया पिच्छी […]

 जयपुर| विशुद्ध स्वर्णिम संयम दीक्षा महोत्सव राष्ट्रीय कार्यकारिणी के प्रचार प्रमुख व  मातृभाषा उन्नयन संस्थान राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष श्री रिखब चन्द राँका ‘कल्पेश’ जयपुर  को  साहित्यिक क्षेत्र में उत्कृष्ट सृजन व समाज सेवा में उल्लेखनीय योगदान हेतु हरियाणा की साहित्यिक संस्था विलक्षणा एक सार्थक पहल समिति (रजि 02314) द्वारा […]

काव्य संग्रह…………. राजकुमार जैन ‘राजन’ का प्रस्तुत काव्य संग्रह “खोजना होगा अमृत कलश” प्राप्त करने का सौभाग्य मिलने से हमें बहुत ख़ुशी हुई है | देव-दानव “अमृत कलश” के लिए एक दुसरे से लड़ाई कर रहे थे | इसे प्राप्त करने की स्पर्धा चलती थी | हमें कोई संघर्ष नहीं […]

म् –  म्लेव् (पूजा करना) पूजनीया आ-  आगमन(बच्चे का जन्म) ँ   चन्द्र बिन्दु में बिन्दु बच्चे का प्रतीक है और चन्द्रमा माँ का प्रतीक है यानी ँ (चन्द्र बिन्दु) माँ की गोद में बच्चे का प्रतीक है ।         #रिखबचन्द राँका परिचय: रिखबचन्द राँका का निवास जयपुर में हरी […]

जगमग दीपक हाथों में लाएँ विशुद्धमती माता की आरती गाएँ। जगमग दीपक हाथों में लाएँ विशुद्धमती माँ की आरती गाएँ।। पिता गुलजारी जी ने श्री धन पाया। श्री देवी माता ने लक्ष्मी रूप जाया।। लश्कर नगर में जन्म आपने पाया। अनुपम सुंदर है गुरु माँ की काया।। जगमग दीपक—————— छोटी-सी […]

गुरु तुम महान हो, अमृत गुणों की खान हो। तरुण तुम प्रतीक तुम, गुरु पुष्पदंत समान हो। ज्ञानी तुम त्यागी तुम, हृदय विशाल हो। भाग्य तुम भविष्य तुम, भूत वर्तमान हो। भक्ति तुम शक्ति तुम, तुम प्रभु समान हो। तेज तुम शीतल तुम, तुम प्रकाशवान हो। वीर तुम धीर तुम, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।