प्रत्येक मीडिया भाषा के बिना अधूरा है। भाषा ही मीडिया को वाङ्मय एवम् प्रचालमान बनाए रखती है। मीडिया समाज का एक ऐसा माध्यम है, जो पारिवारिक स्तर से लेकर वैश्विक स्तर तक समाज को समाज से परिचित करवाने का श्रमसाध्य कार्य करता है। भाषा उसके इस कार्य में संगिनी […]

वर्त्तमान समय में जिस तरह से हिंदी भाषा के उठान के लिए सोशल मिडिया ने जो कार्य किये है वो बहुत ही सराहनीय है। जिसके कारण आज सरे विश्व में हिंदी भाषा को सराहा जा रहा है। भारतीय संस्कृति का मूल आधार है हमारे देश की भाषा। आज देश में […]

हमारे देश में मीडिया स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से काम करती है ।जहाँ तक हिन्दी की बात है यह हमारी मातृभाषा है।जो देश के सभी हिस्सो में बोली जाती है ।हिन्दी हमारी पहचान रही है ।बचपन से ही हमलोग पेपर या टीवी के समाचारो या सीरियल सिनेमा अथवा पत्रिकाओ को […]

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निजी जीवन की बख्खियां उधेड़ते हुए कई बार उनसे अलग राजनीतिक विचारधारा वाले लोग इतना उग्र और ऑथेंटिकेट होने की कोशिश कर जाते हैं मानो इन्हीं के सामने उन्होंने अपना रिपोर्ट कार्ड रखा था। वैचारिक मतभेद का मतलब कतई नहीं की किसी व्यक्ति […]

भूमिका- एक समय था जब समाचार पत्र का प्रकाशन प्रारंभ हुआ। उस समय भारत परतंत्र था। समाज अशिक्षित था। चंद लोग ही शिक्षित थे। यह वह युग था जब अधिकांश लोग अपनी बात कहना तो चाहते थे किन्तु भाषा और लिखने की समस्या मुंहबांए खड़ी थी। शिक्षित वर्ग ने उनकी […]

    राजकीय विद्यालयों के शैक्षिक स्तर को सुधारने के लिए प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक सरकार द्वारा अनेकों योजनाएं लागू की है। फिर भी सरकारी स्कूलों का स्तर नहीं सुधर रहा है। शिक्षकों को भारी वेतन मिलता है। लेकिन पढ़ाई का स्तर ठीक नहीं है।   प्राथमिक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।