हर घर जब आलोकित होगा, गाँव-गाँव जब विकसित होगा तब दीवाली आएगी। हर बच्चा जब शिक्षित होगा, हर किसान मन प्रमुदित होगा तब दीवाली आएगी। हर आंगन जब खीर पकेगी, भ्रष्टाचार की लूट रुकेगी तब दीवाली आएगी। खुश होकर तिरंगा लहराएगा, आतंकवाद से मुक्त फहराएगा तब दीवाली आएगी। निश्चिंत हो […]

कल दिवाली, आज सुहाग पड़वा कल भाईदूज, जिन्दगी रिश्तों की पहेली, बूझ सके तो बूझ। कहीं पकवानों की मिठास, कहीं मेलजोल का मधुमास। कहीं अहम की दीवारें समृद्धि का सन्नाटा, अकूत सम्पदा में घाटे का गीला आटा। कहीं फाका-मस्ती की रौनक, मुफलिसी की मौज अभावों में भी जारी भावों का […]

सृष्टा की नरम कल्पना नारी, सॄष्टा की ओर चाहना नारी। सृष्टा की आराध्या नारी, सॄष्टा मन भावना नारी॥ मानव मन की अर्चना नारी, नित्य प्रति उपासना नारी। जीवन की है भूमि नारी, सुंदर मन की उर्मि नारी॥ एक हवा का झोंका नारी, मृगतृष्णा-सा धोखा नारी। रौरव नर्क द्वार है नारी, […]

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अपलक-सी देख रही थी, और अंतस मन में महसूस कर रह थी वो, अनछुए स्पर्श को। अनजानी-सी सिहरन, रोम-रोम में घुलती जा रही थी,फिजा में फैली वो मादक गंध, मदहोश किए जा रही थी। दूधिया चांदनी में ओस से, भीगी सरसराती हवा में साड़ी के पल्लू को थामे, उन अजनबी […]

कितना आसान है, अपने जीने के लिए दूसरे को मार देना। अपनी खुशी के लिए, दूसरे को तार देना। मजबूरी में  झूठ बोलना, तो फिर भी समझ में आता है लेकिन जब बेवजह, कोई  किसी का दिल दुखाता है तो इस मसखरेपन में ,एक बचकानापन नजर आता है। कैसे कहूँ […]

दर्द की लकीर खींची है अभी, दनदनाती गोली लगी है अभी। खामोश कर दी आवाज उसकी, ढोल की पोल खोली जिनकी। सच बोलने की आजादी नहीं, दिलों में डर बैठा था जिनके। खूब लड़ी मर्दानी थी वो, कुछ करने की ठानी थी जो। अंत जानती थी वो अपना, दुश्मन से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।