प्रथम प्रेम का अहसास

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rajeshwari
अपलक-सी देख रही थी,
और अंतस मन में
महसूस कर रह थी वो,
अनछुए स्पर्श को।
अनजानी-सी सिहरन,
रोम-रोम में घुलती
जा रही थी,फिजा में
फैली वो मादक गंध,
मदहोश किए जा रही थी।
दूधिया चांदनी में ओस से,
भीगी सरसराती हवा में
साड़ी के पल्लू को थामे,
उन अजनबी आँखों में
डूबती जा रही थी।
प्रथम प्रणय निवेदन,
किसने किसको किया
वो सब गौण-सा रहा,
और कब परस्पर दो
आत्माओं का बिन छुए,
अंगीकार होकर खुशबू की तरह
फिजा में मुखरित होकर,
स्मित-सी मुस्कान लरजते
होंठों पर बिखेर गया।
पहले प्यार का पवित्र,
अहसास मंदिर में
बजती घंटियों-सा,
कानों में मधुर-सी
स्वर लहरी-सी बिखेर गया॥

                                                   #श्रीमती राजेश्वरी जोशी

परिचय : श्रीमती राजेश्वरी जोशी का निवास अजमेर (राजस्थान) में है। आप लेखन में मन के भावों को अधिक उकेरती हैं,और तनुश्री नाम से लिखती हैं।

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