राष्ट्रपति भवन में अब इफ्तार की पार्टी नहीं होगी, यह खबर पढ़कर मेरे कुछ वामपंथी और मुसलमान मित्रों ने मुझे फोन करके कहा कि अब राष्ट्रपति भवन पर भी आरएसएस का कब्जा हो गया क्या ? उन्होंने पूरी खबर नहीं पढ़ी। वे खबर का शीर्षक पढ़कर ही उत्तेजित हो गए। […]

आज विश्व-पर्यावरण दिवस है। आज का विश्व किसका बनाया हुआ है ? अमेरिका का। एक भौतिकवादी ओर उपभोगवादी अमेरिका का ! वह भारत को क्या सिखाएगा, पर्यावरण की रक्षा ! उस भारत को, जिसमें बच्चों को सिखाया जाता है कि सूर्यास्त के बाद फूल मत तोड़ लेना, क्योंकि पौधे मनुष्यों […]

ऐसा पहली बार हुआ कि राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों को लेकर काफी बदमजगी फैल गई। राष्ट्रपति, सूचना मंत्री और फिल्म कलाकारों- तीनों के आचरण विवाद के विषय बन गए। ये 137 पुरस्कार ऐसे फिल्मी कलाकारों को दिए जाने थे, जिनकी फिल्में लीक से हटकर हैं। वे बाॅक्स आफिस हिट करनेवाली नहीं […]

अयोध्या-विवाद फिर टल गया। सर्वोच्च न्यायालय ने तारीख आगे बढ़ा दी। अभी एक लाख पृष्ठ के दस्तावेज़ हिंदी, उर्दू और फारसी से अंग्रेजी में होने हैं। मुझे नहीं लगता कि रामजन्म भूमि और बाबरी मस्जिद का मामला अदालतें हल कर सकती हैं। यदि वे फैसला दे भी दें तो भी […]

आज सारी दुनिया के देश मातृभाषा दिवस मना रहे हैं। 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस क्यों मनाया जाता है ? क्योंकि यूनेस्को ने इसे 1999 में मान्यता दी थी। 21 फरवरी को इसलिए मान्यता दी गई क्योंकि इसी दिन 1952 में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के नौजवानों ने अपनी मातृभाषा […]

‘पद्मावत’ फिल्म के बारे में पहले सेंसर बोर्ड और फिर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आ जाने के बाद सारा विवाद समाप्त हो जाना चाहिए था,लेकिन फिर भी मैं यह मानता हूं कि यदि कोई उसका विरोध करना चाहे तो जरुर करे। यह भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दूसरा पहलू है। […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।