बरस बीते आज़ाद हुए पर,      ख़्याल अभी तक ग़ुलाम बने हैं ।  आज़ाद मुल्क के बाशिंदे हम,        क्यों राम, रहीम, सतनाम बने हैं ।।  ज़ात-पात में बांटा ख़ुद को,        क्यों धर्म के ठेकेदार बने हैं ।  मुल्क़ को समझें अपना घर,   […]

आज़ादी के सही मायने,   हम तो भूल चुके हैं । अपनी सरहद,अपना मुल्क़,    क्यों हम भूल चुके हैं ।।  खींच कर लकीरें ज़मीनी,    दिल जुदा कर चुके हैं ।  अपने वतन की मिट्टी को,     क्यों खौफज़दा कर चुके हैं ।।   मेरा मुल्क़ है मेरी […]

येदायरे , ये फासले अब,    क्या बांटेंगे मोहब्बत को । वादा किया है तुमसे अब,      निभायेंगे हम चाहत को ।। तसव्वुर से तेरे अब,     इस दिल को करार आता है । तुमको न देखूं तो दिलबर,      वक़्त भी ठहर जाता है ।। जुदा […]

मेरी मोहब्बत में कोई राज़ नहीं    ये तो पाक़ीज़ा अहसास है । मेरे लब हैं अभी तक ख़ुश्क,     बुझती नहीं वो प्यास है ।। तेरे पाक़ दामन से बंधकर,    रिश्ता जोड़ना चाहता हूं । रूख़ मोहब्बत का तेरी, अब      मैं इधर मोड़ना चाहता हूं।। […]

 तेरे साथ गुज़ारे लम्हात,    मेरी क़ीमती जागीर है ।  तेरे मुस्कुराकर देख़ना ही,    मेरे ख़्वाबों की ताबीर है ।।  तेरे बिन अधूरा सा हूं ,     मंज़िलें नहीं मिलती है ।  निकलता हूं सफ़र पर,       मुझे राहें नहीं दिखती है ।।  पहली ख़ुशी ज़िंदगी […]

 शैली और रोहन एक ही महाविद्यालय में पढ़ते थे । दोनों ने एस.एस. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय से एम. एस -सी. किया और नौकरी की तलाश में जुट गए । दोनों एक ही मोहल्ले में रहते थे । दोनों के परिवारों में भी अच्छे संबंध थे परंतु शैली और रोहन […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।