अरे नितिन की माँ देखो,मैंने नितिन व उसकी पत्नी दोनों का बीमा करवा दिया था और ६०००० हजार रुपए भी मैंने भर दिए थे,पर उसने तो पैसे निकालकर पॉलिसी ही खत्म कर दी । अब आपको कैसा दुःख हो रहा है। अगर मैं भी सौम्या का बीमा करवा देती और […]

कितनी माताओं की, सूनी हो गई गोद। तरसे होंगे रोटी के लिए, असंख्य अबोध। इस बँटवारे का, नगर कितना लम्बा है ? अनगिनत स्त्रियों का, संसार सूना हो गया। मुस्कुराती बगिया का, चमन वीरान हो गया। कपोलों पर सूखा, सागर कितना गहरा है ? रक्षाबंधन पर कितनी राखियां, सिसकी,तड़पी होंगी। […]

खिलाएँ पुष्प हम, शुद्ध आचरण के। महक उठे कण-कण, आज वातावरण के। हिंसा और भ्रष्टाचार का, बाजार गर्म हो रहा। छल-कपट,फरेब का, तांडव नृत्य हो रहा। मिटाएं घृणा,द्वेष, झूठ आवरण के। सत्य,प्रेम,दयाभाव, सब कहाँ लुप्त हो गए। वेद,पुराण,उपनिषद, न जाने कहां खो गए। धर्म ही साथ रहे बस, उपरान्त मरण […]

नया वर्ष आया, नई खुशियां लाया। नई भाषा लिखेंगे, अरु नए शब्द गीत। भेदभाव दूर करेंगे, करेंगे सच्ची प्रीत। नई रोशनी लाया, अहा नया वर्ष आया॥ करेंगे हम नए कार्य, और नई हो ताकत। बनाएंगे नए लक्ष्य, सबका हो स्वागत। नई उमंग भर लाया, अहा नया वर्ष आया॥ नया गगन […]

ज़रा पाने की चाहत में,बहुत कुछ छूट जाता है, न जाने सब्र का धागा कहाँ पर छूट जाता हैl किसे हमराह कहते हो,यहां तो अपना साया भी, कहीं पर साथ रहता है,कहीं पर छूट जाता हैl ग़नीमत है नगर वालों,लुटेरों से लुटे हो तुम, हमें तो गांव में अक्सर,दरोगा लूट […]

क्यों अभी से खुद को यूँ संजीदा किया जाए, क्यूँ न फिर से अपने बचपन को जिया जाए.. चलो आज फिर एक गुड़िया का घर बनाएं, और सजाएँ उसे फिर नन्हें सपनों के साथ.. फिर से कराएं वो गुड़िया की शादी,  वो नकली घोड़े,वो नकली हाथी..  वो नकली दूल्हा,वो नकली […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।