एक गर्भस्थ कन्या शिशु की पुकार माँ ओ। माँ सुन रही हो न माँ! मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूं । मैं तुम्हें देख नहीं सकती , पर तुम्हारी कोख में पल रहीहूं। जब मुझे छूती हो तो ख़ुशी से फूल उठती हूँ माँ । मुझे बेटी समझ निकाल न […]

hr ये कौन चित्रकार है ? जो दिख नहीं पड़ता कहीं प्रकृृति के विशाल फलक पर है रंग भर रहा सभी ग्लेशियर पिघलकर बह निकला पहाड़ों से उतर मैदानों में गड्ढे में जमा हरा पानी मानों धरती की बेटी का हो हरा दुपट्टा गिरा हुआ। ऊँचे पहाड़ की चोटी से […]

सतयुग से कलयुग है आया,क्यों दशा न बदली युग बीते , नारी  सदियों से  है  अबला , वेदों  के कथन  सभी  रीते। देवी  तो मात्र  दिखावा है , झुकता जग नहीं ,झुकाता है , पल पल पर मौन परीक्षा दे,परिणाम दुखी कर जाता है । भावों  का  गहरा सागर ये […]

आयो आयो रे वसंत फिर आयो रे खुशियों का संदेश फिर  लायो रे।। वसंत के आते ही मानव मन में  नवीन  चेतना का  संचार  होने लगता  हैऔर  आशाओं के फूल  खिलने  लगते हैअं।शिशिर की शीत से ठिठुरे हुए मन को जब वासंती उष्मा का मृदुल स्पर्श  प्राप्त  होता है तब […]

दो भाई थे, जिनकी  उम्र 12 और 10 वर्ष  थी ।उनकी  मां का नाम  सुधा था।एक दिन वे अपनी माता  से बोले मां हम बगीचे में  खेलने जायें ? माता  ने प्रसन्न होकर  उन्हें बगीचे में  खेलने की  अनुमति दे दी ।दोनों  भाई खुशी- खुशी  बगीचे में खेलने गये।थोड़ी देर […]

ख्याल तेरा बहार बनकर जो  आये आना तेरा रोशन करता राह सारे तब्बसुम की खिदमत में  हैं सितारे आँखों में नमी देखा तुम्हारे  सोचता हूँ  आज चाँद फिर फीका सा क्यूँ है.. दर्द मीठा-मीठा गम भी सहते सारे  सनम ! पाक उल्फत है इसे कैसे संवारे होतेे गान छिड़ते नये […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।