जिंदगी आ बैठ मेरी पहलु में करे कुछ  बातेंऔर मुलाक़ातें हम मुसाफिर इस   राह    के कदम कदम संग रहे  चलते पाने को ख़ुशी शांति ये जनम गोता राही समन्दर में लगाते सब यहाँ  हैं ढूंढते हीरे  मोती जाने क्या-क्या पाते  खोते तू मचलती उन जजबातों में औ दिल रातों में […]

यूँ ही साथ चलते-चलते एक दिन तुमने कहा.. रुको..! पर मैं चलती रही.. तुमने कहा.. चलो..! और मैं रुक गयी.. तुमने इसे अपनी अवहेलना समझा, और तुम नाराज हो गए.. काश..! तुम समझ पाते कि.. यह तिरस्कार नहीं था तुम्हारे प्रति, यह तो तुम्हारी नजर में खुद की अहमियत, खुद […]

एक समय था जब साहित्यकारों का सम्मान अतुलनीय था । उनकी रचनाएं व किताबें छापने के लिए प्रकाशकों की भीड़ लगी रहती थी । बदले में उन्हें मानदेय और रायल्टी भी मिलती थी ।जिससे उनका जीवन यापन आसानी से चल जाता था और वह अधिक से अधिक लेखन में ध्यान […]

राष्ट्रीय पुरस्कार मिलना किसी व्यक्ति के जीवन का सर्वाधिक आनन्ददायी और अविस्मरणीय क्षण होता है, जिसे यह पुरस्कार मिलता है उससे भी ज्यादा उसके अपनों के लिए । कोई बड़ा सम्मान-पुरस्कार माता-पिता और गुरुजनों की उपलब्धि तो होता ही है लेकिन अर्धांगिनी को तो लगता है यह पुरस्कार उसे ही […]

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भारत बंद का कैसा महाजाल, कर देता है जनता को बेहाल, माँगे पूरी मनवाने की खातिर, कुछ लोग करते है हड़ताल, एक दिन भारत बंद होने से, अर्थव्यवस्था का हो बुरा हाल, सारे कामकाज ठप्प पड़ जाते, दैनिक मजदूरों के होते फटेहाल, बड़े लोग बजाते चैन की बंशी, आम आदमी […]

नई उम्मीद है मेरी नया है आसमा मेरा सपनो का मेरे है रंग बहुत गहरा चला जिस राह पर भी मैं नई मंजिल बनाता हूँ यहां हर चीज मेरी है ये प्यारा वतन मेरा नई एक राह भी देखूँ करूँ इस्तकबाल मैं उसका कठिन हो राह उसकी तो पकड़ लूं […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।