कहें क्या बात हम अपनी, हमारी बात ही क्या है। जमाने के सताए हैं, जमाने की कहें क्या हम? बात ही बात में जज्बातों की कुछ बात कहते हैं, जमाना है किसी का न। सभी स्वार्थ के हैं साथी, बेबात कोई भी न मिला। दोस्त तो न मिला कोई, दुश्मन […]
ये कैफ़ तेरा कैसा मुझपर भारी है, या फिर तेरे ही इश़्क की खुमारी है l एक भी मुक्कमल हुआ अपना सपना, पूछो नींद से फिर क्यूं उससे की यारी है l अंदाज ए गुफ्तगूं ऐसे कि,मेरे हाल पर, जल्द ही इसी तरन्नुम में तुम्हारी बारी है l बुझा […]
काम जिनको घर में तमाम होगें, उनके लिए खास कहाँ हम होगेंl बीते हैं जिनके दिन बड़ी मुद्दत से, उनके लिए त्यौहार क्या कम होगेंl बड़ी शिद्दत से सजाया होगा घर को, उन्हें क्या मालूम मेहमान हम होंगेl चल दिया है राह में मिलने को उनसे, अब न मालूम कितने […]
हमारे देश में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं है,बल्कि एक धर्म है,और इस धर्म के भगवान हैं दुनिया के सबसे शानदार व सफल बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर। हमारे यहां क्रिकेटर होना कोई साधारण बात नहीं है। यहां तो क्रिकेटर हर दिल की धड़कन होते हैं, और फिर किसी भी मैच के […]
चलो सजन कहीं दूर चलें, पलकों में मीठा स्वप्न पले मन-मयूर हर्षित हो जाए, कोयल मीठा गीत सुनाए। नील गगन की छाँव तले, पलकों में मीठा स्वप्न पले। धरा-गगन मिल जाते हों, सब राग प्रेम का गाते हों। अधरों पर केवल मुस्कान खिले, पलकों में मीठा स्वप्न पले। राग-द्वेष का […]
मेरी माँ ने पढ़ा है जाने कौन-सा शास्त्र, कम रुपयों में भी बदल डाला पूरा अर्थशास्त्र। जाने कौन-सी तरक़ीब लगा दी, वस्तु विनिमय की नींव हिला दी। ग़ुरबत में आय न थी न लाभ की उम्मीद, उनकी बचत की परिभाषा का मैं बन बैठा मुरीद। बचत की परिभाषा कुछ इस […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।