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चलो सजन कहीं दूर चलें,
पलकों में मीठा स्वप्न पले
मन-मयूर हर्षित हो जाए,
कोयल मीठा गीत सुनाए।
नील गगन की छाँव तले,
पलकों में मीठा स्वप्न पले।
धरा-गगन मिल जाते हों,
सब राग प्रेम का गाते हों।
अधरों पर केवल मुस्कान खिले,
पलकों में मीठा स्वप्न पले।
राग-द्वेष का नाद न हो,
आतंक की काली रात न हो।
मानव-मानव को नहीं छले,
पलकों में मीठा स्वप्न पले।
#नीलम सिंह
परिचय : नीलम सिंह की जन्मतिथि-८ फरवरी है। अध्ययन,लेखन,भ्रमण और संगीत श्रवण में आपकी रुचि है। लेखन विधा में लधुकथा,गीत,ग़ज़ल, मुक्तक तथा कविता आदि में सक्रिय हैं। आपके लेखन कार्य को कई दैनिक समाचार पत्रों और पत्रिकाओं ने भी लगातार स्थान दिया है। श्रीमती नीलमसिंह तोमर को सम्मान के रुप में महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान २०१७ सहित शुभतारिका द्वारा श्रेष्ठलघुकथा पुरस्कार दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर स्थित तीन खम्बा गली में आपका निवास है।
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Thu Jul 20 , 2017
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