याद उसकी इस कदर तड़पाने लगी, बातें उसकी बस जहन में आने लगी। सीमाओं से बँधा मन तड़प उठता, जब भी अकेलापन महसूस होता। बंदिशों पर सख्त पहरे लगे थे, जब भी तोड़ी कमरे में कैद आवाज मिली। कभी कप टूटा,कभी प्यालियों की आवाज, कानों को बेहिसाब मिली। कभी टमाटर […]