पुस्तक चर्चा राकेश शंकर भारती लेखन की दुनिया में वो प्रतिष्ठित नाम है जो किसी परिचय का मुहताज नहीं है । इनका एक उपन्यास 3020 ई0 अभी हाल ही में आया है, जिसने साहित्य की दुनिया में तहलका मचा कर रख दिया है। यह उपन्यास मुझे जयपुर के कार्यक्रम में […]

खेत में पानी आ चुका था, क्योंकि दूध से सफेद बगुले फर्र-फर्र करके आने लगे थे, ठीक वैसे ही जैसे भारतीय नेता फक्क सफेद कुर्ता पहनकर चुनावी मैदान में कूद पड़ते हैं । मैं कंधे पर फावड़ा रखे सरपट खेत की मेड पर चला जा रहा था कि पीछे से […]

घर-ऑंगन में जो फुदका करती थी, दाना चुंगकर ठंडा पानी पीती थी । कहॉं गई वो प्यारी नन्हीं सी गौरैया ? चीं-चीं, चूं-चूं हरदम करती थी, बरसात में पंख फैलाकर नाचा करती थी । कहॉं गई वो प्यारी नन्हीं सी गौरैया ? तिनका-तिनका इकट्ठा करती थी, सुंदर सा नीड़ निर्माण […]

ब्रज में रंगों की हो रही बरसात गोप- गोपिका मिल खेल रहे होली साथ फाग मतवारौ मधुबन में मस्ती लायो रे बुड्ढों का बदला मिजाज फाग में फाग उत्सव ऐसा, धुआं उठ रहा बुझती आग में छाई मस्त बहार दिल हुए जवां रे बसंती रंगों के संग उड़े गुलाल गोरी […]

जयपुर । श्री अग्रसेन भवन, जयपुर में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन बोहल शोध मंजूषा, विलक्षणा एक सार्थक पहल व इंडो यूरोपियन लिटरेरी डिस्कोर्स (यूक्रेन) के संयुक्त सौजन्य से किया गया । प्रथम दिवस में विभिन्न विषयों को लेकर सेमिनार का आयोजन हुआ, जिसमें देश- विदेश के शोधार्थियों व विद्वानों […]

शहरों सा झुलस रहा है अब गॉंव पीपल रहा न चौक में, मिट गई ठंडी छांव जल-जंगल सभी हो गये यहॉं लापता कंक्रीट के जंगलों ने पसारा चहुंओर पांव शहरों सा झुलस रहा है अब गॉंव ताल-तलैया, नदी-पोखर, कुए सब सूखे मानव बनकर दानव खेल रहा स्वार्थ के दॉंव शहरों […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।