बर्दाश्त हो जाएगा किराए के घर में रहना जिसमें न छज्जा है, न बैठका, न बरजा बस! अंधी-अंधी दो ठिंगनी कोठरियाँ हैं बिना खिड़कियों और रोशनदानों वालीं जहाँ ततैये भी बचते हैं अपने घरौंदे बनाने से; बर्दाश्त हो जाएगा कर्ज़ में आकंठ डूबे हुए अपने घर में रहना जहाँ एक अदद कोठरी में ही अघा जाता है […]

आज कल आये दिन लड़कियों के साथ हुई दुर्घटनाओं के बारे में सुनने को मिलता रहता है| कोई घटना होती है तो हर जगह उसकी निंदा करने वाले मिल जाते हैं| कोई कैंडिल मार्च निकालता है, कोई जुलूस तो कोई सड़कों पर जाम लगाता है| क्या इन सबसे पीडिता को […]

जाग उठी फिर शिव की सेना, अब ताण्डव दिखलाएगी ज्वाल बनी अब ये चिंगारी, दुश्मन को राख बनाएगी रक्त सुशोभित हो उठेगा, काश्मीर की घाटी में नरमुंडों की होगी माला, हर फौजी के हाथों में पत्थर से जो सर फोड़े थे, बाजू आज उखाड़ेंगे चुन चुन कर ऐसे चेहरों की, […]

दिन आये मेरे यार चुनावों के| चर्चे होंगे दिन रात हिसाबों के|| कोई कर्जा माफ़ करेगा, कोई गलियां साफ करेगा| वोटों के बदले में कोई, तेरी जेबें खूब भरेगा|| कोई मारे रोज बांग दुआरे पे| दिन आये मेरे यार चुनावों के|| दिन आये मेरे यार चुनावों के| चर्चे होंगे दिन […]

जब खेतों में नंगी काया पल पल तपती रहती है| आँगन में बैठे ख्वाबों के पंख उतिनती रहती है|| बेवश आँखों में बस केवल नीर समाया रहता है| तब कवि ह्रदय हुकूमत के प्रति आग उगलने लगता है|| नहीं प्रेम के मधुर मधुर मैं गीत सुनाने आया हूँ| वाणी की […]

राष्ट्रभक्ति की बात न भाये , कह अपशब्द बहुत हर्षाये भारत माँ को देते गाली , उछल उछल कर पीटे ताली बात बात पर लड़ने लागे , शोर करे ज्यो करते कागे ऐसे ऐसे कर्मन कीना , दुख दारुण राष्ट्र को दीना , दुश्मन को देते सन्देशा ,फैला दंगा करो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।