जय – जय हो चंद्रयान उम्मीद से भरी उड़ान । ईसरो का जग में हुआ ऐतिहासिक ऐसा सम्मान ।। दिखलाया के. सिवान ने भारत को नया विहान ।् अंतरिक्ष विद्या में हुआ भारत का द्वितीय स्थान ।। आओं प्रिय वैज्ञानिक मैं तुमको अपने लगे लगाऊं । चहुँ दिशा फैला रहे […]

प्रिय बच्चों, नमस्कार। प्रिय बच्चों , जब नन्हें पावों से तुम शाला की सीढ़ियां नापते तो तुम्हारे नन्हें पांव वामन की तरह विराट विश्व को नापते लगते। तुम्हारे मुख मंडल पर खिली मुस्कान बरबस ही मेरे मुस्कराने का कारण बन जाती। सुबह-सुबह तुम्हारा मुझे नमस्कार करना , “जय हिन्द” करना […]

शिक्षक दिवस विशेष……….. ज़िन्दगी के हर मोड़ पर कुछ न कुछ सीखा मैंने उन मिलने वालों से जो कहीं न कहीं मुझे जीवन मे एक शिक्षक एक गुरु के रूप में मिले।शिक्षक शब्द का विश्लेषण करें तो ये भी हो सकता है .. शि ,,से जिसने शिक्षा दी , यह […]

 *बधाई हिमा दास*  हिमा दास को हम करे झुक कर कोटि सलाम। गोल्ड  पदक  दिलाया हुआ  एथलीट  में नाम ।। स्वर्ण  उसने  जीतकर बढाया  देश  का मान । रचकर नया  इतिहास भारत का बढा सम्मान ।। बिटियां  पर करों नाज हर दौड़ की यह गरिमा । उड़न परी कहलाई आज […]

गुरु पूर्णिमा पर विशेष ………. माता-पिता हैं प्रथम गुरु जिनसे होता जीवन शुरू । ज्ञान, ध्यान की साधना से जीवन को संवारते हैं गुरु ।। ज्ञान-कौशल को तराशकर शिखर पर पहुंचाते हैं गुरु । सदा सही राह पर चलना सिखलाते हैं धरा पर गुरु ।। पूर्णिमा की चांद की तरह […]

सेवानिवृत्ति एक मध्यांतर है एक नई ऊर्जा  का संचार हैं । पहले थे आप सरकारी अब असर कारी  ,  यही अंतर हैं ।। आपसे ही  सीखा हमने यह लेखन,कला कौशल बेहतर । लेकर हर पथ पर मार्गदर्शन पाया हैं स्थान देश – देशांतर ।। आपका  ऋण  उतार सकता नही “गोपाल” […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।