
जय – जय हो चंद्रयान
उम्मीद से भरी उड़ान ।
ईसरो का जग में हुआ
ऐतिहासिक ऐसा सम्मान ।।
दिखलाया के. सिवान
ने भारत को नया विहान ।्
अंतरिक्ष विद्या में हुआ
भारत का द्वितीय स्थान ।।
आओं प्रिय वैज्ञानिक मैं
तुमको अपने लगे लगाऊं ।
चहुँ दिशा फैला रहे तुम
विज्ञान पताका मैं इठलाऊँ ।।
तुम शान हो, हो अरमान
तुम हो वैज्ञानिक महान ।।
कोटि – कोटि बार करता
सारा देश तुम्हारा गुणगान ।।
हारता नही सीमा पर जवान
हारता नही है भारत विज्ञान ।
सच है हार के आगे जीत है
कर्म करते रहों यहीं गीता ज्ञान ।।
तुम धीर, तपस्वी हो प्रज्ञावान
हार नही मानोंगे,भरोंगे उड़ान ।
प्रथम स्थान पाएं हम विज्ञान
में यहीं कामना करें हिंदुस्तान ।।
#गोपाल कौशल
परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।