अद्भुत साहस, अद्भुत बल है,  अद्भुत इच्छा शक्ति भी । जोश दौड़ता रगों में जिसके,    भारत मां की भक्ति भी ।।  अक्षत, रोली,चंदन लेकर,     करते तुमको वंदन है ।  हर दिल के स्पंदन तेरा,      पुण्य धरा पर अभिनंदन है ।।  तेरी जीवटता के आगे,   […]

हमारे सुकून के ख़ातिर,   वो अपना सुकून खोते रहे । हम सो सकें बेफ़िक्रे,   वो अपनी नींदें खोते रहे ।। जांबाज़ हैं,डटे हैं सरहद पर,   हमारे लिए वो ज़िंदगी खोते रहे । शहादत पर न अश्क़ बहाना यारों,  ताबूत उनके वतन के लिए रोते रहे ।। किसी […]

तुम्हारे ग़म, उलझनें ज़िन्दगी की, अपनी हंसी में छुपाते हो । बिछड़ कर आज भी रहनुमा, तुम याद बहुत आते हो ।। सहर की तरह रोशन हो, क्यों अंधेरों से घबराते हो । नम आंखें ख़ुद यह कहती, तुम याद बहुत आते हो ।। महक़ हो,मुश्क़ ए गुलाब हो, फ़िज़ाओं […]

तेरे ख़्यालों में रहना अब अच्छा लगता है । यादों के दरिया में बहना अच्छा लगता है ।। तेरे दिल में सांसें लेना अच्छा लगता है । इंतज़ार के पल पल सहना अच्छा लगता है ।। ख़ुशबू में तेरी महक़ना अब अच्छा लगता है । इश्क में तेरे बहकना अब […]

बदल सी गई है तासीर हवाओं की, फ़िज़ा ने अंदाज़ भी बदला है । हो कर मस्त मलंग मोहब्बत में तेरी, कहां अब ये दिल अकेला है ।। इश्केदारियां लुभा रही हैं दिल को मेरे, ये दुनिया तो बस झमेला है । महक़ उठें है अब गलियां चौबारे देखो, हुआ […]

गुज़र गया एक और साल फ़िर,   ख़्वाहिशें अभी अधूरी हैं । नववर्ष की नवबेला में अब नहीं,    लक्ष्य से दूरी है ।। कितने ख़्वाब, कितने ख़्याल;     दिल ने इस साल संजोए थे । वफ़ा की मिट्टी में ,     हमने बीज इश्क के बोए थे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।