याद आते हो

0 0
Read Time1 Minute, 25 Second
kaji
तुम्हारे ग़म, उलझनें ज़िन्दगी की,
अपनी हंसी में छुपाते हो ।
बिछड़ कर आज भी रहनुमा,
तुम याद बहुत आते हो ।।
सहर की तरह रोशन हो,
क्यों अंधेरों से घबराते हो ।
नम आंखें ख़ुद यह कहती,
तुम याद बहुत आते हो ।।
महक़ हो,मुश्क़ ए गुलाब हो,
फ़िज़ाओं को तुम महकाते हो ।
रोम रोम कहता बदन का,
तुम याद बहुत आते हो ।।
शामें वीरान मेरी, तेरे बग़ैर,
क्यों ज़िन्दगी बियाबान बनाते हो ।
मेरे पंख, मेरी परवाज़ हो ,
तुम याद बहुत आते हो ।।

#डॉ.वासीफ काजी

परिचय : इंदौर में इकबाल कालोनी में निवासरत डॉ. वासीफ पिता स्व.बदरुद्दीन काजी ने हिन्दी में स्नातकोत्तर किया है,साथ ही आपकी हिंदी काव्य एवं कहानी की वर्त्तमान सिनेमा में प्रासंगिकता विषय में शोध कार्य (पी.एच.डी.) पूर्ण किया है | और अँग्रेजी साहित्य में भी एमए कियाहुआ है। आप वर्तमान में कालेज में बतौर व्याख्याता कार्यरत हैं। आप स्वतंत्र लेखन के ज़रिए निरंतर सक्रिय हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

बादल बना है फिर सवाली

Mon Feb 18 , 2019
बादल बना है फिर सवाली आसमाँ क्यों खाली-खाली किसने लूटा है गुलिस्तां को बिखरा हुआ है डाली-डाली किस-किस से करे हिफाज़त डरा हुआ हर माली-माली चाँद खा गया सेंक के कोई रात रह गई काली-काली उम्मीदें मर गईं चिल्ला के खूँ से भरा है थाली-थाली मंदिर-मस्जिद तोड़-ताड़ के अब बोलते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।