है वफ़ा मेरी मुकम्मल इक रिवायत की तरह, काश आते ज़िन्दगी में तुम इनायत की तरह। तुझसे मिलना बन्दगी से कम नहीं हर्गिज़ सनम, मैंने देखा है सदा तुझको इबादत की तरह। अश्क तेरे मुझसे हरगिज़ छुप नहीं सकते कभी, रोज़ पढ़ता हूँ तेरा चेहरा किसी ख़त की तरह। नाम […]
शहर के नामी अस्पताल के, वीआईपी कमरे के बेड पर, अनेक आधुनिक मशीनों से, घिरा मैं घड़ी की सुईयों को, ताकता हुआ गिन रहा हूँ, अपने जीवन के अंतिम पल, टिक-टिक की आवाज… साफ गूँज रही है, मेरे कानों में डाक्टर-नर्स भी, दवा देकर थककर जा चुके हैं मुझे, शायद […]
नदी की कलकल, ध्वनि-सी करती नाचती, इठलाती, बलखाती, बावरी-सी हो गई हूँ आजकल मैं एक, समन्दर की खोज में। मेरे मन का उल्लास, मुझे रूकने नहीं देता थमने नहीं देता, दौड़ पड़ती हूँ मैं हर उस परछाईं की ओर, जो तुम-सी लगती है तुम-सी दिखती है। बह जाती हूँ पवन […]
आसमां में, उड़ती हुई पतंग.. यूँ लगता है, सरसर ध्वनि-सी किलकारी करते हुए, बाबुल के आँगन में.. खेल रही वो स्वतंत्र। कई बार प्रयास के बाद भी, डोर न काट सके उसकी.. कई तागे,क्योंकि वो बंधी है, विश्वास की अटूट डोर से.. जो मजबूत हाथों में है। पलटकर […]
है कोइ राब्ता तो रज़ा के बगैर भी, शामिल हैं रूह में वो वफ़ा के बगैर भी। दौलत कमाई’लाख मगर एक सच है ये, हासिल हुआ न सुकुन दुआ के बगैर भी। अक्सर नसीब को मेरे तंहाइयां ही क्यों, ईनाम में मिली है ख़ता के बगैर भी। इतना यकीं तो […]
सहा जो उम्र भर,वही अजाब लिख रही हूं मैं, डूबे अश्कों में वक्त की किताब लिख रही हूं मैं। न जानेगा कभी दिया तूने मुझे क्या-क्या, मिले जो खार थे,उन्हें गुलाब लिख रही हूं मैं। पढ़ेगा क्या मुझे कोई सफों में जिंदगी के अब, हवाओं के परों पर तो निसाब […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।