बाबुल मै तेरे बागों की लाडली मैंना थी फुदक-फुदक कर इधर-उधर डोला करती थी दाना-दुनका जो भी दे देता था उसे मै चुपचाप चुग लिया करती थी। पर तुझसे उठाया न गया मेरा नन्हा सा बोझ और तूने पाली मुक्ति मुझे सैयादों को सौप यहां मुझे पिंजरें मै बंद […]
मोमबत्तिजलाकर दो दिन मौन मत हो जाओ तुम मैं जल रही हु हर घर मे अब तो आवाज उठाओ तुम बात अब नही बनेगी खाली कोरी बातो से बनकर सखा ,द्रोपदी का अबतो चीर बढाओ तुम बहुत हो चुकी नारे बाजी दिया कोई जलाओ तुम कहि किसी नारी को अपनी […]
हम न होंगे इस जहांन में जब, तुम याद करोगे बीते वो पल अश्रु बन छलकेंगे तब हम यादें बन दिल में धड़केंगे। लिखदी हैं जो चंद तहरीरें अमर यही हो जायेंगी तुम तो याद करोगे हमको गैर भी भूल न पायेंगे। #डॉ लक्ष्मी कुशवाह परिचय लेखिका का नाम […]
उम्मीद है कि तुम लौट आओगे एक दिन खीच लाएगी तुम्हे तुम्हारी बेचैनियां एक दिन जाने क्यों? उम्मीद है कि हम फिर से मिलेंगे कहि संगम पर नदी के किनारे ज्यूँ जाने क्यो? उम्मीद है कि रोशनी छुपी होगी मुठ्ठी में खुलते ही कलाई थाम लेंगे हम जाने क्यों? उम्मीद […]
चंचलता या मुस्कान मेरी, मेरी आभा ओ शान मेरी, सब कुछ जो है सरलता मेरी, मेरा मुझमें जो भी है मुझसा ही तो है, मैं बदलूं खुद को क्यों किसके लिए, मेरा मुझमें जो भी है मुझसा ही तो है, चाहे कोई मुझे या न चाहे मैं खुद को ही […]
रात तुमसे मिली जो मेरी ये नजर, रंग खाबों के अब तक छूटे नहीं। पल दो पल ही सही साथ अपना सनम, हाथ ऐसे मिले फिर तो छूटे नहीं, तुमने हमको कहा इश्क का आसमां, हम जमीं बन रहे साथ छूटे नहीं। आंख क्यों कर खुले ये अमानत तेरी, इनकी […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।