भव्य,भारी देश के भारतीयों को मेरा नमस्कार और भारतीयों की सरकार को मेरा परम् नमन हो,वो इसलिए क्योंकि,  उसके आगे अच्छे-अच्छों के सिर झुकते हैं,झुकाते हैं या झुकाने पड़ते हैं,इसलिए मेरा भी गर्व से भरा नमस्कार,नमन नहीं। मैंने सुना हैं कि, देश के हिंद नागरिक ‘पद्मावती’ फिल्म को स्वीकार कर […]

नहीं फूटता गुस्सा, नहीं उबलता लावा भावना उड़ गई है, सिगरेट के धुएं में भूख,डकैती,हत्या की घटनाएं, बेईमानी के कालम दुष्कर्म के स्तंभ पढ़कर-देखकर भी, दिल के किसी कोने का स्थाई भाव जागृत नहीं होता। सीमा पर लड़ते जवान, कर्ज तले दबे किसान और नक्सली हमले, रोज भावुक कर देते […]

अपनी संस्कृति को अपने, देश में फिर से दोहराना होगा। हमारी संस्कृति कैसी थी, उसे हरगिज़ हमें वापिस लाना होगा॥ हमारी संस्कृति हमारे ही, देश का अभिन्न अंग है। जिसको देखकर सम्मान से, तन-मन को करती संग है॥ भारतीय संस्कृति के साधकों संस्कृति को बचाना होगा। हवा में न गान […]

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तेरे संग रंग सब होली के और रात दिवाली लगते हैं, बिन तेरे दिल के हर कोने सब खाली-खाली लगते हैं। और लगते हैं मौसम सारे जैसे कुदरत का ताना, तेरे बिन अब गीत कहां और बिन तेरे अब क्या गाना॥ अश्कों के माफिक लगती है अब तो सारी बरसातें, […]

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तेरी नजरों में जो हूँ तो सब कुछ हूँ मैं, तुमसे जुदा,मेरी कोई पहचान नहीं है। चाहे लाख गीत गाएं हम,मोहब्बत के, तुझ तक न पहुंचे वो कीर्तन,अजान नहीं है। पतंगे भी मर मिटते हैं,मोहब्बत में किसी की, जो इंसा का न हुआ,वो इंसान तो नहीं है। इतना क्यों अकड़  […]

शब्द-शब्द ब्रह्म है, हर अक्षर अखंड है। वाणी की सुचिता, तेजस्विता प्रचंड है॥ ओज में,मौज में, ज्ञान की खोज में। प्रेम में पुकारती, भारती की आरती। वर्णों का थाल ले, मात्राएँ उतारती॥ छंद में,बंध में, जिंदगी का गान है। हिंद की पहचान है, हिंद का सम्मान है॥ तुलसी, मीरा, सूर,कबीरा। […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।