पुरखे नहीं बदलते

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ajit sinh
नहीं फूटता गुस्सा,
नहीं उबलता लावा
भावना उड़ गई है,
सिगरेट के धुएं में
भूख,डकैती,हत्या की घटनाएं,
बेईमानी के कालम
दुष्कर्म के स्तंभ
पढ़कर-देखकर भी,
दिल के किसी कोने का
स्थाई भाव जागृत नहीं होता।
सीमा पर लड़ते जवान,
कर्ज तले दबे किसान
और नक्सली हमले,
रोज भावुक कर देते हैं
सोशल मीडिया पर…
कहीं सड़क पर पशु काटकर,
कहीं जाति-धर्म को बांटकर
अपने-अपने मसीहा छांटकर,
रोज उछलता है कीचड़
मेरे देश के गौरव और
संस्कृति पर।
एक तरफ विश्व पर छाने के सपने,
दूजी तरफ घात लगाए बैठे अपने
एक ओर डिजिटल की बातें,
दूजी ओर स्याह रातें।
कैसे कह दूं देश बदल रहा है,
कैसे कह दूं अंधेरा ढल रहा है
जब तक मेरे देश में यह सब चल रहा है
पुरखों को गाली,
गाली पे ताली
चौराहों पर अपमान,
अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह
हम रोज ऐसी भावनाओं से छलते हैं,
पर ध्यान रखना
धर्म बदलने से,
पुरखे नहीं बदलते हैं

            #अजीतसिंह चारण

परिचय: अजीतसिंह चारण का रिश्ता परम्पराओं के धनी राज्य राजस्थान से है। आपकी जन्मतिथि-४ अप्रैल १९८७ और शहर-रतनगढ़(राजस्थान)है। बीए,एमए के साथ `नेट` उत्तीर्ण होकर आपका कार्यक्षेत्र-व्याख्याता है। सामाजिक क्षेत्र में आप साहित्य लेखन एवं शिक्षा से जुड़े हुए हैं। हास्य व्यंग्य,गीत,कविता व अन्य विषयों पर आलेख भी लिखते हैं। आपकी रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं तो राजस्थानी गीत संग्रह में भी गीत प्रकाशित हुआ है। लेखन की वजह से आपको रामदत सांकृत्य साहित्य सम्मान सहित वाद-विवाद व निबंध प्रतियोगिताओं में राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कार मिले हैं। लेखन का उद्देश्य-केवल आनंद की प्रप्ति है। 

matruadmin

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।