अँधेरें में तेरी रोशनी पाकर, हर शख्स सम्भलता है। तेरी खूबी ये है ‘चाँद’ तू सबके साथ साथ चलता है। भले ही दाग हो, तेरे चेहरे पर काला। न जाने क्यूँ हर शख्स तुझसे मिलने को मचलता है। न जाने कितनी अंगुलियाँ, उठी होगी आज तलक। तुझ पर,पर तू है […]

जीवन-साथी शब्द का अर्थ, सिर्फ साथ चलने या, सिर्फ एक-दूसरे से प्रेम तक सीमित नहीं है। इसमें तो मैं और तुम का अर्पण यानि, मैं, तुम हो जाऊँ तुम, मैं हो जाओ। इन हवाओं में भी है दुआओं की सौगात, आ बैठें और कर लें दिल की हरेक बात। वादा […]

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ये आशिकी जो दुनिया को पाक़सार लगती है, वही मुहब्बत खंजर-सी,मेरे दिल पर धारदार लगती है। मेरे अश्कों में नजर आती हैं, खूँ की रंगत, ये बारिश भी मुझे अब उमसदार लगती है। राहें तकना भी छोड़ दी है,मैंने उसकी, क्योंकि हालत अब मुझे खुद की लाचार लगती है। हटाओ,ले […]

नेता संसद में पड़े,सदा उड़ाते मौज। सीमा पर यारों सुनो,सैनिक मरते रोज॥ भारत माँ के लाड़ले,सच्चे सैनिक वीर। दुश्मन का देते सदा,यार कलेजा चीर॥ फ़ौजी रक्षक देश के,इनसे अपनी शान। निर्भय  होकर जंग में,देते अपनी जान॥ सैनिक भारत देश के,सच में बड़े महान। अपने दिल से कीजिए,सब इनका सम्मान॥ जिनकी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।