जीवनसाथी

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ankit ajad
जीवन-साथी शब्द का अर्थ,
सिर्फ साथ चलने
या,
सिर्फ एक-दूसरे से प्रेम
तक सीमित नहीं है।
इसमें तो
मैं और तुम का अर्पण
यानि,
मैं, तुम हो जाऊँ
तुम, मैं हो जाओ।
इन हवाओं में भी है दुआओं की सौगात,
आ बैठें और कर लें दिल की हरेक बात।
वादा करें हम
निष्कपट,निश्च्छल,
एक-दूसरे के प्रति
प्रेम व स्नेह से युक्त,
इस पावन रिश्ते
को सदैव यूँ ही
प्रेम से ही निभाते रहें।
एक-दूसरे की भावनाओं,
जरुरतों को समझें,
अपनी हरेक बात को
मैं तुमसे और तुम मुझसे कहो,
अपने संयुक्त ‘अस्तित्व’ को स्वीकार करते हुए
चलो आगे भी जिंदगी को,
वैसी ही मधुरता से जीते हैं
जैसे पिछले कई वर्ष हमने जिए हैं।
जीवन के इस प्रेम संगम में,
चल अपने मन की बातें बतियाएं
एक-दूजे से हर बात बता दें,
एक शब्द भी शेष न रह जाए
प्रेम का ये बंधन,बँधा रहे सदियों तक,
हर जनम में बस तुझे ही पाएं।
जनम-जनम मैं साथ निभाऊँ,
हर जनम तू भी साथ निभाए
मैं तेरे गमों का तारणहार बनूँ,
तू मेरी खुशियों का जरिया बन जाए॥

#अंकित आजाद गुप्ता

परिचय: अंकित आजाद गुप्ता की आयु मात्र २२ वर्ष तथा जन्म स्थान-पूर्वी चम्पारण(राज्य-बिहार) है। आप शहर-मोतिहारी में रहते हैं। अभी एमए पढ़ रहे हैं। सामाजिक क्षेत्र में सेवा के लिए गरीब बच्चों को निशुल्क अध्यापन,समाजसेवा हेतु सदैव तत्पर एवं कई सामाजिक कार्यों में सहयोग के लिए तैयार रहते हैं। रक्तदान हेतु स्वयं उपलब्ध होने के साथ ही युवाओं में इसके प्रति जागरुकता लाते हैं। इन सेवा कार्यों के लिए कटिहार विधायक ने आपको प्रशस्ति-पत्र एवं रक्तदान हेतु प्रशंसा-पत्र दिया है। आपकी साहित्य एवं लेखन में रुचि है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।