जिन्दगी जीना यूं सिखायेगां कौन, मुझ जैसा सबको मनायेगां कौन!! महज बात ही हो मेरी कही अगर, तो आलोचकों को सम्भाल पायेगां कौन! हर बार झुकते आये है हम ही, इस बार झुक कर दिखायेगां कौन! है हालात खराब अब मेरे बहुत, उनको बेहतर बना पायेगा कौन? जान ही तो […]
अच्छे दिन की शुरुआत हो चुकी थी लोगों को ठंढक का एहसास प्रचुर मात्रा में होने लगा था। लोगों के शरीर से गर्मी के पतले-पतले कपड़े उनी कपड़ों के आगे घुटने टेक रहे थे। जो लोग गर्मी के दिनों में कई बार स्नान किया करते उनके स्नान […]
हृद मेरा भी कंपित होता है। हर आहट पर आशंकित होता है। कातर चछु को मै पढता हूँ, जो भूख तपन से नित रोता है। स्त्री के फटे वस्त्र तले जब, यह पागल जन चछु तन छूता है। उद्गारित हो उठता है हृद तब, सच धीरज आपा खोता है। बारिस […]
खड़े मिल गए चौराहे पर आज मुझे श्री राम बोले अब मैं लौट चला वापस फिर सुरधाम।। यहाँ जरूरत नहीं किसी को अब पुरुषोत्तम श्री राम की सर्वोच्च न्यायालय करे फैसला पहले मेरे जन्म स्थान की।। नाम पर मेरे रोज यहाँ न जाने कितने परिवर्तन होते रोज नए वादे होते […]
इंसाँ हूँ ज़िन्दगी जो तुझे हँसता मिले दुआ है तुझे कोई फ़रिश्ता मिले । इक घर खड़ा है इन दो काँधों पर या रब मुझे ईश्क़ ज़रा सस्ता मिले । सारा जहाँ घूम लिया फिर भी वहीं चल वहाँ जहाँ वखरा रास्ता मिले । आम होने से डरता है ये […]
जब चला था कर शुभारम्भ तब नहीं था ज्ञात उसको कि मिलेगी राह उसको या दबेगी चाह उसकी पर बनाये हाथ से अपने सुसज्जित और सुंदर रथ पे उसको गर्व था विश्वास भी कि यह चलेगा औ बढेगा पर नहीं कुछ विपद् पा कर के रुकेगा औ बढाया रथ को […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।