तुम परम दिव्य प्रभु जी, तुमको है कोटि नमन तुम निराकार परमेश्वर, साकार भी बने स्वयम्॥ तेरा राम रूप अति सुन्दर, श्री कृष्ण रूप नहीं कम ? तेरा शिव रूप कल्याणक, रुद्र रूप है परम प्रचन्ड ॥ शारदा लक्ष्मी तुम रूद्राणि, तुम त्रिगुणा शक्ति अनन्त। तुम रुक्मिणी सीता  माता, तुम […]

वसुन्धरा के आँगन में आतंक नहीं पलने देंगे, मानवता की क्यारी में यूं खर-पतवार नहीं उगने देंगे। जब भी इस मातृभूमि पर दुश्मन ने आँख उठाई है, माँ के वीर सपूतों ने अपनी तलवार उठाई है। ममता के आँचल को अब नीलाम नहीं होने देंगे, मानवता की क्यारी में खर-पतवार […]

दिल में समाते जाते हो, क्यों मेरे करीब आते हो….। जब जाना ही था दिल से हमारे, फिर क्यों हर दिन याद आते हो….। कहते हो कि हमें तुम याद हो, फिर अक्सर हमें भूल जाते हो….। यूं तो तुमसे हसीं बहुत से हैं, तुम्हीं क्यों दिल में समाते हो….। […]

(भाग २) हंगामा हो गया,जब सरला के पिताजी सरला को हाथ पकड़कर बाजार से घर ले आए। आँखों में गुस्से की पिचकारी छूट रही थी। गाली-गलोच..मारपीट पर उतर आए,बीच-बचाव में उनकी माँ आई तो उनको भी थप्पड़ जड़ दिए। ऐसा लग रहा था कि, शर्मा जी आपा खा चुके थे। […]

आराधना ईश्वर की करो, अपने जीवन को सफल करो। गृहस्थ आश्रम जीवन का परिश्रम, जीवन से मृत्यु तक इन्सान का जीवन, सबसे सुन्दर है जीवन का बचपन। बचपन में बच्चों को सिखाओ वही सीखते हैं, माता-पिता का अनुसरण करते हैं, शिक्षा दो जैसी वैसा वो सीखते हैं। बचपन का जीवन […]

शिकवे-शिकायत करके अपना चैन क्यों खोएंगे हम, तुमने अगर ठुकरा दिया तो उम्र भर सोएंगे हम……..। कुछ लोग ऐसे हैं यहाँ जो पीठ में फन गाड़ते, जितने भी विषधर हैं यहाँ,सबको अभी धोएंगे हम………। लोगों में इतना दम नहीं के वो हमें अपमान दें, जब तक उसूलों की फ़सल चैतन्य […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।