आज मैं कानपुर के तुलसी उपवन में हूं। अब से ३६ साल पहले इस उपवन की स्थापना पं. ब्रदीनारायण तिवारी ने की थी। महाकवि तुलसीदास के प्रति तिवारीजी इतने समर्पित हैं,श्रद्धा से इतने भरे हुए हैं,उनके प्रेम में इतने पगे हुए हैं कि,अगर वे शाहजहां होते तो तुलसी की याद […]

चीन हमें आर्थिक और सामरिक मोर्चे पर ही मात देने की तैयारी नहीं कर रहा है बल्कि,सांस्कृतिक दृष्टि से भी वह हमें पटकनी मारने पर उतारु है। उसने चीनी स्वार्थों को सिद्ध करने के लिए अब हिन्दी को अपना हथियार बना लिया है। इस समय चीन की २४ लाख जवानों […]

हृदय समुंदर,वीर धुरंधर, माथ चंदन कहिए,जय वीर वंदन करिए। रक्षक है ये भारती माता,शत्रु इनसे थर-थर थर्राता। करत नमन रहिए,जय जयति भजन करिए।   हृदय समुंदर………………. मुकुट हिमाचल शिखर सुशोभित, महासागर हिन्द माँ पग धोवित। रक्षक भुवन जनिए,रज वीर वरण करिए। हृदय समुंदर…………… हरी भरी माँ ओढ़े चुनरी, गंग,नर्मदे सरस्  सर […]

लचकती छरहरी काया इसकी, जल-थल-नभ वास है निज अँग भरा विष अपने, यह प्रमुख हथियार है l लिपट गले यह शंकर, करता विकट श्रृंगार है उठा रखा धरती सिर अपने, ऐसा जग विख्यात है l कही सपेरों संग मिल यह, अदभुत खेल दिखाते नाच-नाचकर यह, इसका व्यापार चलाते l तिथि […]

यदि दुख में दिखता कोई भी, उसके दुःख से भर जाता। देख दूसरे की सुख-सुविधा, अनायास ही सुख पाता। देख सका कवि कहो भला कब, किसी व्यक्ति की भी पीड़ा। औरों की व्यथा लिखा करता, जन बीच उसी को गाता। कितना हो मीठा फल लेकिन, उसको वह वृक्ष न खाता। […]

  ये कैफ़ तेरा कैसा मुझपर भारी है, या फिर तेरे ही इश़्क की खुमारी है l एक भी मुक्कमल हुआ अपना सपना, पूछो नींद से फिर क्यूं उससे की यारी है l अंदाज ए गुफ्तगूं ऐसे कि,मेरे हाल पर, जल्द ही इसी तरन्नुम में तुम्हारी बारी है l बुझा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।