ज़िंदगानी तुमसे है

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satindar
मोहब्ब्त तुमसे है शिकायत तुमसे है,
लासानी-सी ज़िंदगानी तुमसे है।
मेरे रब की इबादत तुमसे है,
मेरे घर की बरक़त तुमसे हैl
मेरी ज़िंदगी की उपमा तुमसे है,
मेरी ज़िंदगी का अलंकार तुमसे हैl
मेरी हिन्दी का छंद तुमसे है,
मेरी उर्दू का नुक्ता तुमसे हैl
तेरी मोहब्बत मेरे लम्हों की मात्रा,
मेरी ज़िंदगी का स्वर तुमसे हैl
तू जब से है सफर में मेरे,
मेरे सफर की वर्णमाला तुमसे हैl
मैं निकला हूँ सफर पे,
मेरी मंज़िल तुमसे हैl
समझूँ तुझे अपना किरदार,
मेरे किरदार की ख़ुशबू तुमसे हैl
गर मेरी ज़िंदगी में है खंड(शक्कर)कहीं,
उस खंड की मिठास तुमसे हैll
                                                                      #सतिंदर सिंह
परिचय : सतिंदर सिंह का जन्म २९ जुलाई १९८५ का है। एम.कॉम. की शिक्षा प्राप्त की है,और शिक्षक हैं। आप उत्तर प्रदेश के ललितपुर में रहते हैं। लिखना आपका शौक है।

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